Hindi, asked by davidgurung8773, 9 months ago

कविता में कई स्थानों पर प्रकृति को मनुष्य के रूप में देखा गया है। ऐसे उदाहरणों का भाव स्पष्ट करते हुए लिखें।

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Answered by Dhruv4886
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कविता में कई स्थानों पर प्रकृति को मनुष्य के रूप में देखा गया है। ऐसे उदाहरणों का भाव स्पष्ट करते हुए नीचे लिखा गया है-

  • क. प्रतिक्षण नूतन बेश बनाकर रंग-बिरंग निराला।

                     रबि के सम्मुख थिरक रही है नभ में बारिद माला।।                                                         ---> इस पंक्ति में सूर्य के सामने के बादलों को नर्तकियां बोला गया है।

  • ख. संसार का स्वामी मृदु गति से आता है                                                                  ---->प्रस्तुत पंक्तियो में कहा गया है कि सूर्य जगत का स्वामी है। रात में जब तारे तारे सजते है तब सूर्य उस खूबसूरती को देखके आकाशगंगा के तट पे रुक जाता है और आकाशगंगा के मधुर गीत गाता है।  
  •  ग.रत्नाकर गर्जन करता है                                                                                       ---->  प्रस्तुत पंक्ति में समुद्र को एक दहाड़ता हुआ बीर की तरह दिखाया गया है।
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