कवित्त व्यक्त हो नारी विचार
Answers
Answer:
Matlab accha sa likh ka send karo
तुम उस देश में जन्मे हो जहाँ 'मनु' ये कहते हैं
जहाँ नारियाँ पूजी जाती वहाँ देवता बसते हैं
एक दृष्टि डालो नारी पर नारी क्या क्या सहती है
माँ बाप प्यार घर द्वार छोङकर अन्जानों संग रहती है
सारी यातना सभी ताङना वो चुप होकर सहती है
खुद ही खुद से कह लेती है नहीं किसी से कहती है
तुम इनको अपमानित करते ये बहुत सहम जातीं हैं
मगर तुम्हें अपमानित देखें रणचंडी बन जातीं हैं
अस्मिता आज नारी की तुमने पाँव तले जो कुचली है
क्यूं तुमने ये समझ लिया है बस नारी कठपुतली है
याद रहे जब नारी का अपमान चरम हो जाता है
लव-कुश का भी धनुष राम के सम्मुख ही तन जाता है
नारी की चुप्पी को उसकी कमजोरी मत समझो तुम
गठबंधन की बेङी है पर मजबूरी मत समझो तुम
इन्हें प्रताङित करके तुम खुद को मर्द समझते हो
ना ही मन की व्याकुलता ना इनका दर्द समझते हो
जिसके लिये छोङ आई सब वो ही साथ नहीं होता
याद रखो ये जुल्म कभी ऊपर भी माफ नहीं होता
माँ भी नारी बहन भी नारी नारी से ही विश्व जना
तुम उसे प्रताङित करते हो जिसने दुनियाँ मे तुम्हे चुना
कहे 'प्रखर' तुम जब जब भी नारी पर हाथ उठाओगे
विधि के संविधान में तुम तब तब कायर कहलाओगे..
- हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है।