कविता उत्साह का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है
Answers
➲ ‘उत्साह’ कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ इसलिये रखा गया क्योंकि इस कविता के माध्यम से कवि ने बादलों आह्वान करके बादलों को क्रांति व चेतना का प्रतीक बनाया है।
व्याख्या ⦂
✎... ‘उत्साह’ कविता ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ जी द्वारा रचित कविता है, जो कि एक आह्वान गीत है। इसमें कवि ने बादलों का आह्वान किया है। कवि ने बादलों को नवचेतना व क्रांति का प्रतीक बनाया है। किसी भी परिवर्तन के लिए नवचेतना की आवश्यकता होती है। गर्मी से त्रस्त वातावरण में बादल परिवर्तन की क्रांति बनकर गरजते-बरसते हैं तो मौसम सुहावना होता है और गर्मी से त्रस्त प्राणियों को राहत मिलती है। इस तरह बादल क्रांति द्वारा परिवर्तन लाकर नवचेतना का प्रतीक बनते ,हैं इसीलिए कवि बादलों का आह्वान कर रहा है।
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Explanation:
जब बादल भीषण गति से आकर बरसता है तो धरती का संपूर्ण ताप समाप्त हो जाता है । जिससे चारों ओर के परिवर्ति वातावरण में नवीन उत्साह का भी संचार होता है। इसलिए कवी बादलों को आवाहन कर रहे हैं । लोगों को परिवर्तन और कातिं की ओर अग्रसर कर रहा है। वह चाहते हैं कि सुप्त समाज में परिवर्तन की नई लहर आए और ऐसा तभी संभव होगा जब लोग उत्साहित हो। इसलिए कवि ने कविता का शीर्षक उत्साह रखा है ।