Hindi, asked by rathoreabhishek63777, 1 month ago

कवयित्री भूख औंर प्यास को कैसे संबोधित कर रही है​

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Answered by madhaviraut1988
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you can see in Master key or read textbook and understood

Answered by mithu456
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उत्तर:

कवयित्री ने भूख, प्यास, नींद, मोह, ईष्या, मद और चराचर को संबोधित किया है। कवयित्री इंद्रियों व भावों से प्रार्थना करती है कि वे उसे सांसारिक कष्ट न दें, क्योंकि इससे उसकी भक्ति बाधित होती है। कवयित्री चराचर जगत् को प्रेरणा देती है कि वे इस अवसर को न चूकें तथा सांसारिक मोह को छोड़कर प्रभु की भक्ति करें।

व्याख्या:यहाँ इनके दो वचन पाठ्यक्रम में लिए गए हैं। दोनों वचनों का अंग्रेजी से अनुवाद केदारनाथ सिंह ने किया है। प्रथम वचन में इंद्रियों पर नियंत्रण का संदेश दिया गया है। यह उपदेशात्मक न होकर प्रेम-भरा मनुहार है। वे चाहती हैं कि मनुष्य को अपनी भूख, प्यास, नींद आदि वृत्तियों व क्रोध, मोह, लोभ, अह, ईष्र्या आदि भावों पर विजय प्राप्त करनी चाहिए। वह लोगों को समझाती हैं कि इंद्रियों को वश में करने से ही शिव की प्राप्ति संभव है। दूसरा वचन एक भक्त का ईश्वर के प्रति समर्पण है।

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