Hindi, asked by khanrumana, 10 months ago

कवयित्री का घर जाने की चाह' से क्या तात्पर्य है? पठित पाठ वाख' के आधार पर बताइए।​

Answers

Answered by priya954951
83

Answer:

kavitri ka ghar jaane ki Chahat Hai Asha Hai Ki vah Bhagwan ke ghar jaana chahti hai Kyunki vah Uska asali Ghar Hai Aur Kisi ka bhi asali ghar Hota Hai

Answered by franktheruler
8

कवियित्री का घर जाने की चाह से तात्पर्य " प्रभु से मिलाप" इस भवसागर से मुक्त होकर अपने प्रभु की शरण में जाना है

  • कवियित्री परमात्मा की शरण को ही अपना वास्तविक घर मानती है।
  • वे कहती है कि उनकी सारी उम्र बीत गई उन्होंने प्रभु से मिलने का कोई प्रयास नहीं किया, उम्र बढ़ती जा रही है व मृत्यु नजदीक आ रही है।
  • वे चाहती है कि इस संसार का मोह त्याग कर ही वे प्रभु प्राप्ति कर सकती हैं।
  • कवियित्री का कहना है कि मनुष्य भोग करने में समय गंवाता है, वह अपने ध्येय से भटक जाता है। वह परमात्मा की प्राप्ति नहीं कर पाता।
  • उनके अनुसार को त्यागी बनकर भोगों को ठुकराता है वह अहंकारी बन जाता है अतः वह भी परमात्मा से दूर हो जाता है।
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