English, asked by ash881, 1 month ago

kavi raidas apne pado me ishvar ki kon konsi vishestayem batate hai​

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Answered by Anonymous
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Answer:

कवि ने स्वयं को पानी मानकर प्रभु को चंदन माना है। रैदास के स्वामी निराकार प्रभु हैं। वे अपनी असीम कृपा से नीच को भी ऊँच और अछूत को महान बना देते हैं। रैदास अपने प्रभु के अनन्य भक्त हैं, जिन्हें अपने आराध्य को देखने से असीम खुशी मिलती है।

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Explanation:

Answered by vermapayal2311
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Answer:

(i) वे केवल झूठी प्रशंसा या स्तुति नहीं चाहते।

(ii) वे जाति प्रथा या छुआछुत को महत्व नहीं देते। वे समदर्शी हैं।

(iii) उनके लिए भावना प्रधान है। वे भक्त वत्सल हैं।

(iv) दीन दुखियों व शोषितों की विशेष रूप से सहायता करते हैं। वे गरीब नवाज हैं।

(v) वे किसी से डरते नहीं हैं, निडर हैं।

Explanation:

thankyou

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