kavita ek phool ki chah athva ab kaise chhute ram naam rat laagi ka kendriya bhav apni bhasha mei likho class nine hindi
Answers
Answer:
एक फूल की चाह कविता का केन्द्रीय भाव Ek phool ki chah Summary. एक फूल की चाह कविता ,सियारामशरण गुप्त जी द्वारा रचित तत्कालीन समाज में छुआछूत की भावना को बड़े ही मार्मिक ढंग से दर्शाती है . ... बेटी ने देवी के मंदिर के प्रसाद के रूप में एक फूल की चाह प्रकट की . बेटी की इच्छा को पूरी करने के लिए पिता पर्वत इस्थित मंदिर गया .
कवि परिचय
कवि - सियारामशरण गुप्त
जन्म - 1895
एक फूल की चाह पाठ प्रवेश
‘एक फूल की चाह’ गुप्त जी की एक लंबी और प्रसिद्ध कविता है। प्रस्तुत पाठ उसी कविता का एक छोटा सा भाग है। यह पूरी कविता छुआछूत की समस्या पर केंद्रित है। मरने के नज़दीक पहुँची एक ‘अछूत’ कन्या के मन में यह इच्छा जाग उठी कि काश! देवी के चरणों में अर्पित किया हुआ एक फूल लाकर कोई उसे दे देता। उस कन्या के पिता ने बेटी की इस इच्छा को पूरा करने का बीड़ा उठाया। वह देवी के मंदिर में जा पहुँचा। देवी की आराधना भी की, पर उसके बाद वह देवी के भक्तों की नज़र में खटकने लगा। मानव-मात्र को एकसमान मानने की नसीहत देने वाली देवी के सवर्ण भक्तों ने उस विवश, लाचार, आकांक्षी मगर ‘अछूत’ पिता के साथ कैसा सलूक किया, क्या वह अपनी बेटी को फूल लाकर दे सका? यह हम इस कविता के माध्यम से जानेंगे।
»»——⍟——««