Kendriya bhav of Vinay ke pad
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विनय के पद का केन्द्रीय भाव / मूल भाव
कवि कहते हैं कि श्रीराम बिना सेवा के ही अपने भक्तों पर दया करते हैं . ... राजा बलि को उनके गुरु ने और ब्रज की गोपिओं ने अपने पति का केवल इसीलिए त्याग कर दिया क्योंकि उनके मन में श्रीराम के प्रति प्रेम नहीं है . अतः जिसके मन में श्रीराम के प्रति प्रेम होगा ,उसी का कल्याण होगा
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