Hindi, asked by milindpimpalkar, 6 months ago

(ख) ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो :(१) डायरी

Answers

Answered by pramodkumar8170
13

Answer:

क्या मेरी डायरी तुम्हारे पास है?

क्या तुम्हारे पास कोई डायरी है?

Answered by Anonymous
3

Answer:

सिविल सेवा परीक्षा में आपकी मेहनत और सफलता के बीच कोई अनिवार्य तथा समानुपातिक कारण-कार्य संबंध नहीं है। अर्थात् यह ज़रूरी नहीं कि अधिक मेहनत करने वाला अभ्यर्थी सफल हो ही जाएगा और कम मेहनत करने वाला अभ्यर्थी सफल नहीं होगा। सफलता मेहनत के साथ-साथ कई अन्य कारकों पर निर्भर करती है जिनमें सबसे महत्त्वपूर्ण है आपकी उत्तर-लेखन शैली।

उत्तर-पुस्तिका की जाँच करने वाले परीक्षक को इस बात की बिल्कुल जानकारी नहीं होती कि उत्तर-पुस्तिका किस उम्मीदवार की है, उसने कितनी गंभीरता से पढ़ाई की है या उसकी परिस्थितियाँ कैसी हैं इत्यादि।

परीक्षक के पास अभ्यर्थी के मूल्यांकन का एक ही आधार होता है और वह यह कि अभ्यर्थी ने अपनी उत्तर-पुस्तिका में किस स्तर के उत्तर लिखे हैं? अगर आपके उत्तर प्रभावी होंगे तो परीक्षक अच्छे अंक देने के लिये मजबूर हो जाएगा और यदि उत्तरों में दम नहीं है तो फिर आपने चाहे जितनी भी मेहनत की हो, उसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलेगा।

आपकी सफलता या विफलता में तैयारी की भूमिका 50% से अधिक नहीं है। शेष 50% भूमिका इस बात की है कि परीक्षा के तीन घंटों में आपका निष्पादन कैसा रहा? आपने कितने प्रश्नों के उत्तर लिखे? किस क्रम में लिखे, बिंदुओं में लिखे या पैरा बनाकर लिखे, रेखाचित्रों की सहायता से लिखे या उनके बिना लिखे, साफ-सुथरी हैंडराइटिंग में लिखे या अस्पष्ट हैंडराइटिंग में, उत्तरों में तथ्यों और विश्लेषण का समुचित अनुपात रखा या नहीं- ये सभी वे प्रश्न हैं जो आपकी सफलता या विफलता में कम से कम 50% भूमिका निभाते हैं। दुर्भाग्य की बात यह है कि अधिकांश उम्मीदवार इतने महत्त्वपूर्ण पक्ष के प्रति प्रायः लापरवाही बरतते हैं और उनमें से कई तो अपने कॉलेज के बाद के जीवन का पहला उत्तर मुख्य परीक्षा में ही लिखते हैं।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति वर्णनात्मक होती है जिसमें प्रश्नों के उत्तर को निर्धारित शब्दों (सामान्यत:100 से 300 शब्द) में उत्तर-पुस्तिका में लिखना होता है, अत: ऐसे प्रश्नों के उत्तर लिखते समय लेखन शैली एवं तारतम्यता के साथ-साथ समय प्रबंधन आदि पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

लेखन शैली एवं तारतम्यता का विकास सही दिशा में निरंतर अभ्यास से संभव है, जिसके लिये अभ्यर्थियों को विषय की व्यापक समझ के साथ-साथ कुछ महत्त्वपूर्ण बातों का भी ध्यान रखना चाहिये।

हमारा उद्देश्य यही समझाना है कि उम्मीदवारों को शुरू से ही उत्तर-लेखन शैली के विकास के लिये क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिये?

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