खंड अः अपठित बोध
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1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूढे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1 - राजा अग्निमित्र और सृष्टि सोमपाल गहरे मित्र थे। एक दिन उन्हें बहस हो गई। सोमपाल ने कहा, राज्य का संरक्षण
उपशेगी तो है, पर अनिवार्य नहीं। ईश्वर प्रदत्त साधनों से मनुष्य मजे में रह सकता है। राजा ने चुनौती दी, 'अच्छा, 1 वर्ष नगर
मैं मत घुसना, जंगल की सीमा में रहना। यदि इस दौरान कुछ उल्लेखनीय करके दिखा सके तो हार मान लंगा'। सोमपान सीमित
साधन लेकर जंगल पहुंचे। वहा एक लकड़हारा मिला जो अपनी निर्धनता से दुखी था। सोमपाल ने उसे उत्साहित किया,' तुम मुझे
शर्म से सहायता देना, मैं तुम्हें विचार से मदद दूगा'। लकड़हारा राजी हो गया। सोमपाल उससे कुल्हाड़ी लेकर लकड़ी काटने लगे
और उसे नगर के समाचार लेने भेज दिया। वे जलाउ और इमारती लकड़ी नगर भेजने लगे। धीरे-धीरे काम भर निकला हो तो
और अधिक मजदूर बुलाए गए। तभी पता लगा कि विशाल यज्ञ को होने वाला है। सोमपाल ने यज्ञीय समिधाओ तथा सुगंधित
वनौषधि.औ का संग्रह कर लिया। यज्ञ संयोजकों को सूचना मिली, तो अच्छे मूल्य पर तैयार वस्तुएं खरीद ली गई। सब चकित थे
कि यह सब कर कौन रहा है। राजा को जब सच्चाई का पता लगा तो स्वयं अपने मित्र से मिलने गए। उन्होंने सोमपाल से पूछा,
'तुम तो शहर में घुसे नहीं, फिर यह सब कैसे विकसित किया? सोमपाल बोले, 'मित्र, यह मेरी विचार शक्ति और लकड़हारे की
शारीरिक शक्ति का संयोग है। इसी से वनसंपदा नगर वासियों के लिए महत्वपूर्ण बनी, बगैर राज्य संरक्षण के। अग्नि मित्र ने हार
मान ली।
क) राजा अग्निमित्र ने सोमपाल को किस कारण से चुनौती दी?
ख) सोमपाल ने जंगल की सीमा में जाकर क्या किया?
ग) राजा को जब सच्चाई का पता चला तो उसने क्या किया?
घ) बिना राजसरक्षण के वन- संपदा नगर वासियों के लिए कैसे महत्वपूर्ण बनी?
ङ) गद्यांश में से कोई एक शब्द युग्म छांटकर लिखिए।
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