Hindi, asked by thakurshivam62330, 1 month ago

खंड 'अ'- वस्तुपरक प्रश्न ( अंक 40)
अपठित गट्यांश (अंक 5)
प्रश्न 1.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए। (1x5=5)
यह घटना सन 1899 की है। उन दिनों कोलकाता में प्लेग फैला हुआ था। शायद ही कोई ऐसा घर बचा था, जहाँ यह
बीमारी न पहुँची हो। ऐसी विकट स्थिति में भी स्वामी विवेकानंद और उनके शिष्य रोगियों की सेवा-सुश्रूषा में जुटे हुए
थे। वे अपने हाथों से नगर की गलियों और बाजार साफ करते थे और जिस घर में प्लेग का कोई मरीज होता था, उसे
दवा आदि देकर उसका उपचार करते थे। उसी दौरान कुछ लोग स्वामी विवेकानंद के पास आए। उनका मुखिया बोला,
"स्वामी जी, इस धरती पर पाप बहुत बढ़ गया है, इसीलिए प्लेग की महामारी के रूप में भगवान लोगों को दंड दे रहे हैं,
पर आप ऐसे लोगों को बचाने का यत्न कर रहे हैं। ऐसा करके आप भगवान के कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। मंडली के
मुखिया की कील जैसी बाते सुनकर स्वामी जी गंभीरता से बोले, सबसे पहले तो मैं आप सब विद्वानों का नमस्कार
करता हूँ।" इसके बाद स्वामी जी बोले, आप सब यह तो जानते ही होंगे कि मनुष्य इस जीवन में अपने कर्मा के कारण
कष्ट और सुख पाता है।
ऐसा जो व्यक्ति कष्ट से पीड़ित है और तड़प रहा है, यदि दूसरा व्यक्ति उसके घावों पर मरहम लगा देता है तो यह
स्वयहा पुण्य का अधिकारी बन जाता है। आज यदि आपके अनुसार प्लेग से पीडित लोग पाप के भागी है और हमारे
कार्यकता इन लोगों की मदद कर रहे हैं, वे तो पुण्य के भागी बन रहे हैं। बताइए कि इस संदर्भ में आपको क्या कहना
है? उनकी बात सुनकर सभी लोग भौचक्के रह गए और चुपचाप सिर झुकाकर वहाँ से चले गए।
(i) कोलकाता में कौन-सी महामारी फैली थी?
(क) चंचक
(ख) प्लेग
(ग) हैजा (घ) स्वाइन फ्लू​

Answers

Answered by yadav6364
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Answer:

1.

Explanation:

प्लेग बीमार फैली थी। सन् 1899

में फैली थी।

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