{खंड ग} {1× 20=20}
*प्रश्न 4* आरोह पाठ्य पुस्तक के आधार पर निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निम्न प्रश्नों के सही विकल्पों का चयन कीजिए-(1×5=5)
नौकरी में ओहदे की ओर ध्यान मत देना ,यह तो पीर का मजार है। निगाह चढ़ावे और चादर पर रखनी चाहिए ।ऐसा काम ढूॅंढना जहां कुछ उपरी आय हो। मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चांद है जो एक दिन दिखाई देता है और घटते घटते लुप्त हो जाता है ।ऊपरी आय बहता हुआ स्त्रोत है जिससे सदैव प्यास बुझती है। वेतन मनुष्य देता है, इसी से उसमें वृद्धि नहीं होती ।ऊपरी आमदनी ईश्वर देता है, इसी से उसकी बरकत होती है, तुम स्वयं विद्वान हो ,तुम्हें क्या समझाऊं।
1 *यह किसकी उक्ति है?*
अ ) पंडित अलोपीदीन की
ब) वृद्ध मुंशी की
स) ईश्वर की
द) कोई नहीं
2 *ऊपरी आय है?*
अ ) बहता हुआ नाला
ब) बहता हुआ स्त्रोत
स) धन की मात्रा
द) बहता हुआ पानी
3 *मासिक वेतन को कैसा चांद कहा गया है?*
अ) पूर्णमासी का चांद
ब) अमावस्या का चांद
स) खिलता हुआ चांद
द) आधा चांद
4 *नौकरी में ओहदे की ओर* *ध्यान मत देना ,यह तो है-*
अ) पीर की अजान
ब) पीर की दुआ
स) पीर का मजार
द) पीर की चादर
5 *उक्त गद्यांश में कौन सदैव प्यास बुझाता है?*
अ) बहता हुआ नाला
ब) बहता हुआ स्त्रोत
स) धन की मात्रा
द) बहता हुआ पानी
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उत्तर:- 1. यह उक्ति बूढ़े मुंशीजी की है। 2. मासिक वेतन को पूर्णमासी का चाँद कहा गया है क्योंकि वह महीने में एक दिन दिखाई देता है और घटते-घटते लुप्त हो जाता है।17-May-2018
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