खंड-क
प्रश्न-1 निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : 6
यदि विवेक से काम लिया जाए तो भय नही रहता पर युवा पुरुष प्राय विवेक से कम काम लेते हैं। इसे आश्चर्य
की बात है कि लोग एक घोड़ा लेते हैं तो उसके सौ गुण-दोष को परखकर लेते हैं. पर किसी को मित्र बनाने में उसके पूर्व
आचरण और स्वभाव आदि का कुछ भी विचार और अनुसंधान नहीं करताये उसमें सब बातें अच्छी-ही-अच्छी मानकर पूरा
विश्वास जमा देते हैं।हंसमुख चेहरा बातचीत का डंग, थोडा चतुराई या साहस-ये ही दो-चार बाले किसी में देखकर लोग उसे
झटपट अपना मित्र बना लेते हैं।हम लोग यह नहीं सोचते कि मेवी का उद्देश्य क्या है क्या जीवन के व्यवहार में उसका
खुक मूल्य भी है। यह बात हम नहीं सूहाती कि वह ऐसा साधन है जिससे आत्मशिक्षा का कार्य बहुत सुगम हो जाता है। एक
प्राचीन विद्वान का वचन है. 'विश्वासपात्र मित्र से बड़ी मारी रक्षा रहती है। जिसे ऐसा मित्र मिल जाए उसे समझाना चाहिए
कि खजाना मिल गया।
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( घोड़े का उल्लेख किस लिए किया गया है?
(क) मिश्ता से कौन-सा कार्य सुगम हो जाता है?
ल) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक रिखिए।
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खण्ड-ख (व्यावहारिक व्याकरण)
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Answer:
(क) मिश्ता से कौन-सा कार्य सुगम हो जाता है?
आत्मशिक्षा का कार्य बहुत सुगम हो जाता है।
ल) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक रिखिए।
मित्र का खज़ाना
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