Hindi, asked by Asahanashree, 4 months ago

(ख) " जिसे तुम घृणित समझते हो , उसकी तरफ हाथ की नहीं, पाँव की अंगुली से इशारा करते हो " इस
पंक्ति में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए​

Answers

Answered by biswashridayraj514
78

Answer:

व्यंग्य- प्रेमचंद जी ने सामाजिक बुराइयों को अपनाना तो दूर उनकी तरफ देखना भी नहीं चाहते थे। उन्होंने इनकी तरफ हाथ से भी इशारा नहीं किया। प्रेमचंद जी ने इन सभी बुराइयों को इतना घृणित समझा कि पैर की उँगली से उसकी ओर इशारा करते हुए दूसरों को भी उससे सावधान किया।

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Answered by nandinsharma45
20

Answer:

  1. प्रेमचंद गलत वस्तु या व्यक्ति को हाथ से नहीं पैर से ही सम्बोधित करना उचित समझते है। ... अर्थात लेखक गलत वस्तु या व्यक्ति को इस लायक नहीं समझते थे कि उनके लिए अपने हाथ का प्रयोग करके हाथ के महत्व को कम करें
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