Hindi, asked by swargiaryniuraj, 10 days ago

(ख) 'कोऊ कोरिक संग्रहो कोऊ लाख हजार।' मो संपन्ति जदुपति सदा, बिपत्ति बिदारणहार।।​

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Answered by bhatiamona
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'कोऊ कोरिक संग्रहो कोऊ लाख हजार।'

मो संपन्ति जदुपति सदा, बिपत्ति बिदारणहार।।

अर्थात कवि बिहारी लाल कहते है ,  कि कोई व्यक्ति चाहे कितना भी धन एकत्रित कर ले। चाहे वह करोड़ों रुपए एकत्रित कर ले या लाखों या हजारों रुपए एकत्रित कर ले, लेकिन मेरी दृष्टि में उस धन का कोई महत्व नहीं। मेरे लिए श्री कृष्ण की भक्ति के सामने सब तुच्छ है। मेरा असली धन-संपत्ति तो श्री कृष्ण है जो सदैव मेरे साथ रहते है और मेरी विपत्तियों दुखों का अंत करते है |

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