(ख) कवि फूलों को किस द्वार पर ले जाना चाहता है ?
(ग) लेखक की रेलगाड़ी किस स्टेशन से मिलने वाली थी?
(घ) दीवानों के साथ-साथ क्या चलता रहता हैं?
(ङ) लोगों ने बस को क्या संज्ञा दी?
Answers
(ख) कवि फूलों को किस द्वार पर ले जाना चाहता है ?
► कवि फूलों को अनंत का द्वार पर ले जाना चाहता है।
ध्वनि कविता की इन पंक्तियों के माध्यम से कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला फूलों को अनंत द्वार पर ले जाना चाहते हैं।
पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं,
अपने नव जीवन का अमृत सहर्ष सींच दूंगा मैं,
द्वार दिखा दूंगा फिर उनको।
हैं मेरे वे जहाँ अनंत-
अभी न होगा मेरा अंत।
(ग) लेखक की रेलगाड़ी किस स्टेशन से मिलने वाली थी?
► ‘बस की यात्रा’ पाठ में लेखक की रेलगाड़ी जबलपुर रेल्वे स्टेशन से मिलने वाली थी।
(घ) दीवानों के साथ-साथ क्या चलता रहता हैं?
► दीवानों के साथ मौज-मस्ती का आलम चलता रहता है।
(ङ) लोगों ने बस को क्या संज्ञा दी?
► ‘बस की यात्रा’ पाठ में लोगों ने बस को संज्ञा दी कि बस भले ही बूढ़ी हो गयी हो लेकिन किसी नयी नवेली दुल्हन से ज्यादा विश्वीसनीय है।
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