Hindi, asked by gg636568, 11 months ago

७.खुला आकाश
(पूरक पठन)
अंदर की दुनिया
हमारे अंदर की दुनिया बाहर की दनिया से
टर की दनिया बाहर की दुनिया से कहीं ज्यादा बड़ी है। हम
विस्तार नहीं करते । बाहर की अपेक्षा उसे छोटा करते =
जकल निर्जीव कर लेते है। आजादी, पूरी आजादी, अगर कहीं
संभव है तो इसी भीतरी दुनिया में ही, जिसे हम बिल
पपदध बना सकते हैं- स्वार्थी अर्थों में सिर्फ अपने लिए ही नहीं निवासी
अर्थों में दसरों के लिए भी महत्त्व रखता है और स्वयं अपने लिए तो विशेष
और उसे बिलकुल निर्जीव कर लेते हैं। आजा
निया में ही, जिसे हम बिलकुल अपनी तरह
महत्त्व रखता ही है।​

Answers

Answered by rupanshusingh
1

Answer:

duniya hoga danniya nahi

Answered by shauryabates
0
Yes what’s going in the school today
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