India Languages, asked by coolkshitij4880, 7 months ago

खालील आकृती पूर्ण करा समुद्रकिना-यावर किनाऱ्यावरील अडचणी

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Answered by mittalraval580120
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Explanation:

उन्होंने अपना सारा धार्मिक साहित्य हिन्दी में लिखा। उनका कहना था कि 'हिन्दी के द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है'। वे इस 'आर्यभाषा' को सर्वात्मना देशोन्नति का मुख्य आधार मानते थे। उन्होंने हिन्दी के प्रयोग को राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया। वे कहते थे, 'मेरी आँखें उस दिन को देखना चाहती है जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक सब भारतीय एक भाषा समझने और बोलने लग जायँ।'

अरविंद दर्शन के प्रणेता अरविंद घोष की सलाह थी कि 'लोग अपनी-अपनी मातृभाषा की रक्षा करते हुए सामान्य भाषा के रूप में हिन्दी को ग्रहण करें।

थियोसोफिकल सोसायटी (1875 ई०) की संचालिका ऐनी बेसेंट ने कहा था : 'भारतवर्ष के भिन्न-भिन्न भागों में जो

Answered by farooq29khan
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Answer:

प्रमुख रचनाकार : 'हिन्दी' शब्द भाषा विशेष का वाचक नहीं है बल्कि यह भाषा-समूह का नाम है। हिन्दी जिस भाषा-समूह का नाम है उसमें आज के हिन्दी प्रदेश/क्षेत्र की 5 उपभाषाएँ तथा 17 बोलियाँ शामिल हैं। बोलियों में ब्रजभाषा, अवधी एवं खड़ी बोली को आगे चलकर मध्यकाल में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ।

ब्रजभाषा : प्राचीन हिन्दी काल में ब्रजभाषा अपभ्रंश-अवहट्ट से ही जीवन-रस लेती रही। अपभ्रंश-अवहट्ट की रचनाओं में ब्रजभाषा के फूटते हुए अंकुर को देखा जा सकता है। ब्रजभाषा साहित्य का प्राचीनतम उपलब्ध ग्रंथ सुधीर अग्रवाल का 'प्रद्युम्न चरित' (1354 ई०) हैं।

अवधी : अवधी की पहली

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