खेल मनोविज्ञान से क्या अभिप्राय है?
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खेल मनोविज्ञान से अभिप्राय खेलकूद और शारीरिक शिक्षा से संबंधित मनोवैज्ञानिक पहलुओं से है। खेलों को शरीर के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और मनोविज्ञान का संबंध मनुष्य के शरीर और मन के विकास से होता है, इसलिए खेल मनोविज्ञान को व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
खेल मनोविज्ञान के कारण ही मनुष्य में खेलों में जीतने की प्रवृत्ति का विकास होता है। किसी भी खेल की मूल अवधारणा जीतने की भावना ही है। दो या अधिक व्यक्तियों अथवा दो या अधिक टीमों के बीच कोई भी खेल जीतने के लिए ही खेला जाता है। जिसका मनोबल जितना अधिक मजबूत होगा उसमें जीतने की प्रवृत्ति उतनी ही अधिक विकसित होगी। वही विजेता बनता है भले उसमें सामने वाले प्रतिद्वंदी की अपेक्षा कम खेल-कौशल क्यों न हो। इसलिए खेल मनोविज्ञान का संबंध सीधे खेल से रहा है।
खेल मनोविज्ञान खेल और शारीरिक शिक्षा में व्यक्ति में संवेगात्मक और प्रेरणात्मक पहलुओं से संबंधित रहता है। खिलाड़ी चुनौतीपूर्ण एवं दुस्साहस खतरों से खेलने वाले खेल खेलते हैं। वह खेल मनोविज्ञान के कारण ही ऐसे खेल खेलने में सक्षम हो पाते हैं। इस तरह खेल मनोविज्ञान मनुष्य में खेलो में जीतने की इच्छा शक्ति एवं प्रवृत्ति विकसित करने वाला मनोविज्ञान है।