(ख) निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदयी स्पष्ट कीजिए:
औरै भाँति कुंजन में गुंजरत भौंर भीर
औरै डौर झौरन पै बौरन के है गये।
कहै पद्माकर सु औरे भांति गलियान, ,
छलिया छबीले छेल औरे छबि छवै गये।
औरे भाँति बिहग-समाज में अवाज होति,
ऐसे ऋतुराज के न आज दिन द्वै गये। ।
औरै रस औरे रीति, औरे राग औरे रंग,
औरे तन और मन औरे बन है गये।।
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Di plz write in English
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hindi muzhe kuch samaz nahi ata
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