(ख) पूर्वी तटीय मैदान-
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Explanation:
प्रायद्वीपीय भारत के पूर्वी तथा पश्चिमी भागों में तटीय मैदान पाये जाते हैं। इनकी भौगोलिक दशाओं को निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है
जलवायु- तटीय मैदान संकीर्ण तथा उपजाऊ मैदान हैं। समुद्र तटीय क्षेत्र होने के कारण यहाँ की जलवायु नम और सम है। तटीय क्षेत्रों में तापान्तर बहुत कम होता है। बार्षिक वर्षा 250 से 400 सेमी. तक होती है।
वनस्पति- तटीय मैदान का एक तिहाई भाग वनाच्छादित हैं। ऊँचे तापमान तथा अधिक वर्षा के कारण यहाँ सदाबहार वन पाये जाते हैं। प्रमुख वृक्ष नारियल है। इसके अलावा सागवन, साल, रबर, रोजवुड आदि वृक्ष पाये जाते हैं।
खनिज- तटीय मैदानों में आणविक खनिज मोनोजाइट, जिरकन, थोरियम तथा भीतरी भागों में चीनी मिट्टी, चूना| पत्थर, गारनेट तथा ग्रेफाइट पाये जाते हैं। यही नदियों का प्रवाह तीव्र है। अतएव जलविद्युत उत्पादन और सिंचाई के लिए बाँध बनाये गये हैं।
Answer:
भारत के पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पूर्वी घाट और पूर्वी तट के मध्य सुवर्णरेखा नदी से लेकर कन्याकुमारी तक है| पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में है| इस मैदान में निक्षेपों की अधिकता है, क्योंकि गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी जैसी बंगाल की खाड़ी की ओर प्रवाहित होने वाली बड़ी-बड़ी नदियां सागर में मिलने से पूर्व यहाँ अवसादों का निक्षेपण करती हैं और डेल्टा का निर्माण करती हैं| अवसादों के निक्षेपण के कारण ही यह मैदान पश्चिमी तटीय मैदान की तुलना में अधिक चौड़ा है|