खिर नारी भी तो मनुष्य है। उसकी अपनी जरुरतें भी हैं और वह भी परिवार में, पड़ोस तथा समाज में
दे नारी त्याग की मूर्ति है, तो पुरुष को बलिदानी होना चाहिए।
1. इस गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक है-
(अ) नारी का वैवाहिक जीवन (ब) नारी (स) नारी का जीवन (द) अच्छी गृहिणी
2. किसकी रुचियों और भावनाओं की उपेक्षा की जाती है?
(अ) बालक की (व) पुरुष की (स) नारी की (द) कवि की
3. पुरुष को अपने सुख के साथ किसके सुख का ध्यान रखना चाहिए?
(अ) बालक के (ब) पड़ोसी के (स) पत्नी के (द) खुद के
4. यदि नारी त्याग की मूर्ती है तो पुरुष को होना चाहिए-
(अ) स्वार्थी (ब) परिश्रमी (स) बातूनी (द) बलिदानी
5. पति और पत्नी को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
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खिर नारी भी तो मनुष्य है। उसकी अपनी जरुरतें भी हैं और वह भी परिवार में, पड़ोस तथा समाज में
दे नारी त्याग की मूर्ति है, तो पुरुष को बलिदानी होना चाहिए।
1. इस गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक है-
(अ) नारी का वैवाहिक जीवन (ब) नारी (स) नारी का जीवन (द) अच्छी गृहिणी
2. किसकी रुचियों और भावनाओं की उपेक्षा की जाती है?
(अ) बालक की (व) पुरुष की (स) नारी की (द) कवि की
3. पुरुष को अपने सुख के साथ किसके सुख का ध्यान रखना चाहिए?
(अ) बालक के (ब) पड़ोसी के (स) पत्नी के (द) खुद के
4. यदि नारी त्याग की मूर्ती है तो पुरुष को होना चाहिए-
(अ) स्वार्थी (ब) परिश्रमी (स) बातूनी (द) बलिदानी
5. पति और पत्नी को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
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