ख) संदर्भ
सहित भाव स्पष्ट कीजिए
1. गिरता न कभी चेतक-तन पर,
राणा प्रताप का कोड़ा था।
Class-5
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Answer:
राणा प्रताप को कभी भी घोड़े को चाबुक मारने की जरूरत नहीं पड़ी वह स्वयं जागरूक रहता था
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संदर्भ : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता 'चेतक की वीरता' से ली गई हैं, जिसके कवि श्यामनारायण पंडित हैं। प्रस्तुत कविता वीर रस पर आधारित है, जिसमें कवि ने राणा प्रताप के प्रिय घोड़े चेतक की वीरता का वर्णन किया है।
भावार्थ : इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक बहुत समझदार और साहसी था I राणा प्रताप को कभी चेतक को कोड़े के प्रहार से संकेत देने की आवश्यकता नहीं पड़ी। वह स्वयं रास्ता खोज लेता और बिना बताए ही गुरु के संकेतों को समझ लेता। रणभूमि में उसकी फुर्ती और वीरता देखते ही बनती थी।
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