(ख) सन्धिं कुरुत-
(i) नि + अवसत्
(ii) सूर्य + उदयः
(ii) वृक्षस्य + उपरि
(iv) हि + अकारयत्
(v) च + एकाकिनी
(vi) इति + उक्त्वाfast answer and mark the brain list please
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सन्धिं कुरुत..
(i) नि + अवसत् : निवसत्
(ii) सूर्य + उदयः : सूर्योदय
(ii) वृक्षस्य + उपरि : वृक्षस्योपरि
(iv) हि + अकारयत् : हिकारयत्
(v) च + एकाकिनी : चैकाकिनी
व्याख्या :
संधि का तात्पर्य है, दो शब्दों से मिलकर बना नया शब्द।
संधि का अर्थ ही है मिलन, इन दो शब्दों के मिलन या युग्म में पहले शब्द के अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि का महत्व होता है, जो एक नया परिवर्तन लाती है। इसे ही ‘संधि’ कहते हैं और संधि करके बनाए गए शब्दों को अलग करके उन्हें पुनः उनके मूल स्वरूप में लाने की प्रक्रिया ‘संधि विच्छेद’ कहलाती है। संधि तीन प्रकार के होती है..
स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि।
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