(ख) श्री राम राजू कौन था? उसने अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण क्यों किया?
Answers
यह प्रश्न ‘अन्याय के खिलाफ’ पाठ से लिया गया है। जिसमें अंग्रेजों के अन्याय खिलाफ एक कोया आदिवासी श्री राम राजू और अन्य कोया आदिवासियों के साहस और विद्रोह का वर्णन है।
श्री राम राजू एक कोया आदिवासी था, उसकी शिक्षा-दीक्षा हाई स्कूल तक ही हुई थी। बाद में उसने पढ़ाई छोड़ दी और साधु बन गया। आदिवासी उसे अपना सच्चा हितैषी मानते थे और उसे अपनी दुख-तकलीफ बताते थे। उसने आदिवासियों की भलाई के लिये काम शुरु कर दिया और अंग्रेजों के अत्याचार के प्रतिरोध में आदिवासियों को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार कोया आदिवासियों द्वारा अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह करने के कारण अंग्रेजों ने उनका राशन-पानी आदि सब बंद कर दिया। क्योंकि उन्हें श्रीराम राजू चाहिये जिसने आदिवासियों को अग्रेंजों के खिलाफ भड़काया था। इस कारण आदिवासियों को तकलीफ से बचाने के लिए श्री राम राजू ने अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। बाद में अंग्रेजों ने उसे गोली मार दी।
Explanation:
श्री राम राजू एक कोया आदिवासी था, उसकी शिक्षा-दीक्षा हाई स्कूल तक ही हुई थी। बाद में उसने पढ़ाई छोड़ दी और साधु बन गया।
आदिवासी उसे अपना सच्चा हितैषी मानते थे और उसे अपनी दुख-तकलीफ बताते थे।
उसने आदिवासियों की भलाई के लिये काम शुरु कर दिया और अंग्रेजों के अत्याचार के प्रतिरोध में आदिवासियों को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया।
इस प्रकार कोया आदिवासियों द्वारा अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह करने के कारण अंग्रेजों ने उनका राशन-पानी आदि सब बंद कर दिया
क्योंकि उन्हें श्रीराम राजू चाहिये जिसने आदिवासियों को अग्रेंजों के खिलाफ भड़काया था।
इस कारण आदिवासियों को तकलीफ से बचाने के लिए श्री राम राजू ने अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। बाद में अंग्रेजों ने उसे गोली मार दी।