खेती करने की आधुनिक तकनीक पर 150 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।
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हमारा देश कृषि प्रधान देश है, और कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की नींव है। हमारे देश में कृषि केवल खेती करना नहीं हैं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। कृषि पर पूरा देश आश्रित होता है। लोगों की भूख तो कृषि के माध्यम से ही मिटती है। यह हमारे देश की शासन-व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। कृषि से ही मानव सभ्यता का आरंभ हुआ। अक्सर विद्यालयों में कृषि पर निबंध आदि लिखने को दिया जाता है। इस संबंध में कृषि पर आधारित कुछ छोटे-बड़े निबंध दिए जा रहे हैं।
Explanation:
जागरण संवाददाता, करनाल : जिले के किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए परंपरागत खेती की बजाए फल, फूल, सब्जियों, बागवानी, तिलहन, दलहन व औषधीय पौधों की खेती करने पर बल देना चाहिए। उपायुक्त डॉ. जे गणेशन ने बताया कि आज खेती उद्योग का रूप धारण कर चुकी है। इसके लिए किसानों को खेती के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि सब्जी व फल-फूल की खेती किसानों के लिये काफी फायदे का सौदा साबित हो रही है। इन फसलों की बुआई करने से फसल की अच्छी पैदावार तो होती ही है वहीं किसानों को फसल के ऊंचे दाम भी मिलते हैं। उन्होंने बताया कि फसलों को बदल-बदल कर बोने से खेत की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ती है। उन्होंने किसानों से जैविक खेती को अपनाने का भी आह्वान किया। उन्होंने बताया कि फलों, फूलों, सब्जियों व औषधीय पौधों की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। इससे किसान अधिक पैसा कमा सकते हैं। उनके परिवार में अधिक समृद्धि व खुशहाली आ सकती है। उन्होंने बताया कि किसान गूगल, मूसली, हरड़ व आंवला जैसे औषधीय पौधों की खेती भी कर सकते हैं। क्योंकि इनसे देसी दवाइयां बनती हैं। देसी दवाओं की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उपायुक्त ने किसानों से अपील कि वे अपने परिवार की खुशहाली व समृद्धि के साथ-साथ अपनी माली हालत को सुदृढ़ बनाने के लिए आधुनिक कृषि तकनीक का प्रयोग करें और इसके लिए जरूरी है कि वे अपने परिवार को शिक्षित बनाएं। उन्होंने बताया कि आधुनिक तरीके से खेती करने और नई-नई कृषि तकनीकों एवं उत्तम किस्म के बीजों, खाद व दवाइयों की जानकारी रखने के लिए किसानों का शिक्षित होना बहुत जरूरी है।
कृषि संबंधी लें जानकारी : डॉ. जितेंद्र
जिला बागवानी अधिकारी डॉ. जितेंद्र ¨सह ने बताया कि सरकार ने किसानों को कृषि संबंधी जानकारी मुहैया करवाने के लिए कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र व उद्यान विभाग में कृषि विशेषज्ञों को नियुक्त किया हुआ है जहां से किसान इनकी सेवाओं का भरपूर लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि उद्यान प्रशिक्षण संस्थान उचानी में औषधीय पौधों की उत्पादन तकनीक व मूल्यवर्धन के लिए समय-समय पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें किसानों को औषधीय पौधों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।