(ख) टेलीविजन जनसंचार का कैसा माध्यम है ।
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1953 में प्रथम प्रेस आयोग की सिफारिश पर तथा प्रेस और प्रस्तुक पंजीकरण अधिनियम, 1867 में संशोधन से पहली जुलाई, 1956 को भारत के समाचार-पत्र पंजीयक का कार्यालय अस्तित्व में आया। समाचार-पत्र पंजीयक को प्रेस पंजीयक भी कहा जाता है। यह हर वर्ष 31 दिसम्बर से पहले समाचार-पत्रों की स्थिति के बारे में सरकार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट सौंपता है। जिस अवधि के लिए वार्षिक वितरण दिए जाते थे, उसे 2002 में कैलेंडर वर्ष बदलकर वित्तीय वर्ष कर दिया गया था। पहले वार्षिक रिपोर्ट वित्तीय वर्ष के अनुसार बनाई जाती थी। [पंजीयक द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च, 2007 तक पंजीकृत समाचार पत्रों / पत्रिकाओं की कुल संख्या 65,032 थी। इनमें 7,131 दैनिक थे, 374 त्रि/द्विसाप्ताहिक, 22,116 साप्ताहिक, 8,547 पाक्षिक, 19,456 मासिक, 4,470 त्रैमासिक, 605 वार्षिक तथा 2,333 अन्य कालावधियों के थे। (ये आंकडे वर्ष 2006-07 के लिए केवल पंजीकृत समाचारपत्रों के लिए अद्यतन किए गए हैं)]।
प्रेस पंजीयक की 2005-06 की रिपोर्ट के अनुसार 123 भाषाओं और बोलियों में समाचारपत्रों का पंजीयन किया गया। संविधान की आठवीं अनुसूची में अभिलिखित अंग्रेजी के अलावा 22 अन्य प्रमुख भाषाओं और 100 अन्य भाषाओं और बोलियों, अधिकतम भारतीय, कुछेक विदेशी में समाचारपत्रों का पंजीयन हुआ। ओडिशा में 23 प्रमुख भाषाओं में से 18 में समाचारपत्र प्रकाशित होते हैं। महाराष्ट्र में 17 भाषाओं और दिल्ली में 16 प्रमुख भाषाओं में समाचारपत्रों का प्रकाशन होता है।
रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2006 तक पंजीकृत 62,483 में से 8,512 ने वर्ष 2005-06 में वार्षिक रिपोर्ट दी। 8,512 समाचारपत्रों की प्रसार संख्या 18,07,38,611 थी। सबसे अधिक समाचारपत्र और पत्रिकाएं हिंदी में पंजीकृत हुईं, इनकी संख्या (24,927) थी। अंग्रेजी में पंजीकृत समाचारद्ध और पत्रिकाएं दूसरे स्थान पर रहीं, जिनकी संख्या (9,064) थी। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक (9,885) समाचार पत्रों का पंजीकरण हुआ। पंजीकरण पत्रों की सर्वाधिक संख्या के लिहाज़ से दिल्ली दूसरे (8,545) स्थान पर रही।
पत्र सूचना कार्यालय
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) सरकार की नीतियों, कार्यक्रम पहल और उपलब्धियों के बारे में समाचार-पत्रों तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को सूचना देने वाली प्रमुख एजेंसी है। यह प्रेस विज्ञप्तियों, प्रेस नोट, विशेष लेखों, संदर्भ सामग्री, प्रेस ब्रीफिंग, फोटोग्राफ, संवाददाता सम्मेलन, साक्षात्कार, प्रेस दौरे और कार्यालय की वेबसाइट के माध्यम से सूचना का सर्वत्र पहुंचाता है।
कार्यालय अपने मुख्यालय में विभागीय प्रचार अधिकारियों के माध्यम से कार्य करता है जो प्रेस विज्ञप्तियों और प्रेस सम्मेलनों आदि के जरिए मीडिया को सूचना के प्रसार में सहायता देने के प्रयोजन हेतु विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ संलग्न हैं। ये अधिकारी प्रचार गतिविधियों से संबंधित सभी मामलों पर सलाह भी देते हैं। ये संबंधित मंत्रालयों और विभागों को फीड बैक प्रदान करते हैं। विशेष सेवाओं के एक भाग के रूप में पत्र सूचना कार्यालय के फीडबैक प्रकोष्ठ द्वारा एक डेली डायजेस्ट तथा विभिन्न राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दैनिक समाचारपत्रों और पत्रिकाओं से समाचार कथाओं और संपादकीय के आधार पर विशेष डायजेस्ट तैयार किए जाते हैं।
व्यापक और ताकतवर माध्यम है।
Explanation:
टेलीविजन जनसंचार का एक बहुत व्यापक और ताकतवर माध्यम है। टेलीविजन के माध्यम से किसी भी सूचना का प्रसारण एक बहुत बड़े जनसमूह तक किया जा सकता है।
टेलीविजन जनसंचार का एक अनोखा माध्यम है जिसके द्वारा एक ही सूचना एक ही समय पर कई सारे लोगों को आसानी से ली जा सकती है।
टेलीविजन सूचना के साथ-साथ मनोरंजन का भी एक बहुत व्यापक साधन है। टेलीविजन पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे हास्य कार्यक्रम कार्यक्रम कुकिंग कार्यक्रम और खेल कार्यक्रम आदि आते हैं जिनके सहारे हम अपना मनोरंजन कर लेते हैं|
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