(ख) दी गई पंक्तियों का संदर्भ सहित अर्थ लिखिए-ऊँचा खड़ा हिमालय, आकाश चूमता है,नीचे पखार पग तल, नित सिंधु झूमता है,गंगा पवित्र यमुना, नदियाँ लहर रही हैं,पल-पल नई छटाएँ, पग-पग छहर रही हैं।
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यह पंक्तियाँ भारत की प्राकृतिक सुंदरता को वर्णित करती हैं। यह कविता हमें भारत के सबसे महत्वपूर्ण नदियों और उनके स्रोतों के बारे में बताती है।
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संदर्भ सहित व्याख्या :
- संदर्भ : ये पंक्तियां मातृभूमि कविता से की गई है। इस कविता के कवि है सोहनलाल द्विवेदी ।
- प्रसंग : इन पंक्तियों में कवि सोहनलाल द्विवेदी जी ने भारत माता के सौंदर्य का वर्णन किया है। व भारत माता की महिमा का वर्णन किया है।
- व्याख्या : कवि कहते है कि भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत है। जो इसके सिर पर ताज की तरह सुशोभित है। ऐसा प्रतीत होता है कि हिमालय आकाश चूम रहा है। नीचे अनेक पवित्र नदियां भारत माता के चरण धो रही है जैसे गंगा, यमुना, सिंधु आदि।
- कवि आगे कहते है कि यह मेरी मातृभूमि मेरी स्वर्ण भूमि है। मुझे अपने प्राणों से भी प्यारी है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अप्रतिम है। झरने बहते है, झाड़ियों में चिड़ियां चहकती है। अमराईयों में कोयल मधुर स्वर में गाती है।
- यह श्री कृष्ण व गौतम बुद्ध की भूमि है।
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