खाद्य-श्रृंखला एवं खाद्य-जाल से आप क्या समझते हैं ? खाद्य-श्रृंखला तथा खाद्य-जाल में क्या अन्तर है ? उचित उदाहरणों की सहायता से समझाइए ।
Answers
खाद्य श्रृंखला की हर कड़ी पर ऊर्जा का अत्यधिक ह्रास होता है, किसी खाद्य श्रृंखला में एक प्राणि उसे प्राप्त होने वाली ऊर्जा का मात्रा 10 प्रतिशत ही आगे प्रसारित करता है। स्थितिज ऊर्जा का 90 प्रतिशत भाग ऊष्मा के रूप में लुप्त हो जाता है। इसलिए खाद्य श्रृंखला में जितना आगे आप जाएंगे उतनी कम ऊर्जा की उपलब्धता पाएंगे। इससे स्पष्ट होता है कि आखिर क्यों शाकाहारियों के एक सामान्य आकार के झुण्ड के भरण-पोषण के लिए काफी संख्या में वृक्ष और हरियाली की आवश्यकता होती है और क्यों शाकाहारियों और सामान्य आकार का झुण्ड केवल कुछ ही मांसाहारियों को पाल सकता है। खाद्य श्रृंखला जितनी छोटी होगी, जीवों के लिए उतनी अधिक ऊर्जा उपलब्ध होगी। अधिकांश खाद्य श्रृंखलाएं चार या पांच कडि़यों से अधिक की नहीं होतीं हैं।
खाद्य जाल
खाद्य श्रृंखलाएं अलग-अलग लडि़यां न होकर एक दूसरे से अंतःसंबंधित होते हैं। अधिकांश पशु एक से अधिक खाद्य श्रृंखला के हिस्से होते हैं क्योंकि अपनी ऊर्जा की आवश्यकता पूर्ति के लिए वे एक से अधिक प्रकार के भोजन का भक्षण करते हैं। ये आपस में जुड़ी हुई खाद्य श्रृंखलाएं ही खाद्य जाल का निर्माण करती हैं। ऊर्जा के बहाव को दर्शाने में खाद्य जाल कहीं अधिक वास्तविक एवं सटीक होता है
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पारिस्थितिक तंत्र में एक से अधिक खाद्य श्रृंखलाए आड़ी - तिरछी जुड़कर एक जाल के समान रचना बना लेती हैं, इसे खाद्य जाल कहते हैं अथवा खाद्य ऊर्जा का प्रवाह विभिन्न दिशाओं में होता है जिससे एक खाद्य श्रृंखला के जीव का सम्बन्ध दूसरी खाद्य श्रृंखला के जीव से हो जाता है तो इसे खाद्य जाल (Food Web) कहते है।