Hindi, asked by brijbhusanguta111, 5 months ago

खण्ड-क
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निम्नलिखित गंद्याश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए। [2X5%D10]
निरक्षरता किसी भी राष्ट्र, समाज एवं स्वयं व्यक्ति के लिए कलंक है। निरक्षर व्यक्ति के पास स्वतंत्र सोचने-
समझने की शक्ति नहीं होती। न तो वह सामाजिक विकास के बारे में सोच सकता है, न व्यक्तिगत विकास के
बारे में। निरक्षर व्यक्ति अच्छे-बुरे, उचित-अनुचित, कर्तव्य-अकर्तव्य के बीच में अंतर नहीं कर पाता।
निरक्षरता के कारण देश को अच्छे नागरिक नहीं मिल पाते। उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों का ज्ञान नहीं हो
पाता। उन्हें अपने कीमती वोटों का ज्ञान नहीं होता। थोडे से पैसों के लालच में आकर वे अपने अमूल्य वोट
अयोग्य नेताओं को दे देते हैं और इस प्रकार देश का भविष्य गलत हाथों में पड़ जाता है। नेता निर्धारित समय
तक अपनी मनमानी करते हैं। उन्हें यह ज्ञान होता है कि इन लोगों को किस प्रकार मूर्ख बनाया जा सकता है।
अत: देश में अज्ञानता को, निरक्षरता को जड़ से हटाने के लिए सामूहिक प्रयत्न आवश्यक है। इसके लिए
शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन कर घर-घर शिक्षा का दीप जलाना होगा। उन्हें साक्षरता के लाभों के लाभों से
अवगत कराना होगा। शिक्षा संस्थानों में भेदभाव-भ्रष्टाचार समाप्त करना होगा तथा आर्थिक रुप से कमजोर
लोगों को मुफ्त शिक्षा देनी होगी। हमारे भारत देश का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब हर नागरिक साक्षर
होगा।
प्रश्न:
क) निरक्षरता किस प्रकार एक समाज के लिए कलंक हो सकती है?​

Answers

Answered by vikramsingh123680
3

Answer:

निरक्षरता किसी भी राष्ट्र, समाज एवं स्वयं व्यक्ति के लिए कलंक है।

Answered by Anonymous
3

Answer:

here's your answer।।।।।

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निरक्षरता किसी भी राष्ट्र, समाज एवं स्वयं व्यक्ति के लिए कलंक है क्योंकि निरक्षर व्यक्ति के पास स्वतंत्र सोचने-

समझने की शक्ति नहीं होती। न तो वह सामाजिक विकास के बारे में सोच सकता है, न व्यक्तिगत विकास के

बारे में। निरक्षर व्यक्ति अच्छे-बुरे, उचित-अनुचित, कर्तव्य-अकर्तव्य के बीच में अंतर नहीं कर पाता।

निरक्षरता के कारण देश को अच्छे नागरिक नहीं मिल पाते।

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।।।

Explanation:

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. hope it helps you

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