Hindi, asked by jeyanpriyesh1001, 10 days ago

खरी दुहेली होई " इस पंक्ति का क्या अर्थ है ? give me correct answers plssss ​

Answers

Answered by pk8971926
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पहली पंक्ति में कबीर का कहना है कि मनुष्य को अपने स्वभाव से अहंकार को त्याग देना चाहिए ताकि सभी उस पर कृपाभाव रखें। दूसरी पंक्ति में कबीर का कहना है कि अपने मन के अहंकार को त्याग कर हम ऐसी मीठी वाणी बोलनी चाहिए कि सभी हमारी ओर आकर्षित हो जाएं। ... मनुष्य के व्यवहार में ही दूसरों को विरोधी बना लेनेवाले दोष होते हैं।

Answered by crkavya123
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Answer:

कबीर घास न निंदिए, जो पाऊँ तलि होइ।

उड़ी पडै़ जब आँखि मैं, खरी दुहेली हुई।।

अर्थ: कबीरदास के अनुसार प्रत्येक छोटी-छोटी वस्तु अपने आप में महत्वपूर्ण है। घास का एक-एक टुकड़ा, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो, अपने आप में मूल्यवान है। मनुष्य उस पर कदम रखना चाहता है क्योंकि वह इसे एक छोटे से भूसे के रूप में देखता है, लेकिन अगर यह हवा में उड़ जाता है और उसकी आंखों में उतरता है, तो उसे बहुत दर्द होगा और उसे कोई शांति नहीं मिलेगी। एक आदमी तब तक आराम नहीं कर सकता जब तक वह अपनी आंख से तिनका नहीं निकाल लेता। इसी वजह से इस दुनिया में कोई भी कमजोर नहीं है, चाहे बात कितनी ही छोटी क्यों न हो। किसी को भी कमजोर के रूप में नहीं देखा जाना

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