खड़िया पट्टी का विस्तार से वर्णन कीजिए।?
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▪यह परत काफ़ी कठोर होती है। इसी परत के कारण रजकणों द्वारा सोख लिया गया जल नीचे भूल- तल के जल में नहीं मिलता और उससे ऊपर रह जाता है।
▪रेत के नीचे सब जगह खड़िया की पट्टी नहीं है। इसलिए कुंई भी सारे राजस्थान में नहीं मिलतीं। चुरू बीकानेर जैसलमेर और बाड़मेर के कई क्षेत्रों में यह पट्टी चलती है और इसी कारण वहाँ गाँव-गाँव में कुंइयाँ हैं। जैसलमेर जिले के एक गाँव खडेरों की ढाणी में तो एक सौ बीस कुइयाँ थीं। लोग इस क्षेत्र को छह- बीसी छह गुणा बीस कहते हैं।
▪इस पट्टी को पार भी कहा जाता है। जैसलमेर तथा बाड़मेर के कई गाँव पार के कारण ही आबाद हैं। अलग-अलग जगहों पर खड़िया पट्टी के अलग- अलग नाम हैं। कहीं चह चारोली है तो कहीं धाधड़ों धड़धड़ो कहीं पर बिटू से बल्लियों के नाम से भी जानी जाती है। कहीं इस पट्टी को खड़ी भी कहते हैं। इसी खड़ी के बल पर खारे पानी के बीच मीठा पानी देता हुई कुंई खड़ी रहती है।
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Answer:
Explanation:
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Here is ur ans⬇️⬇️⬇️
✔✔यह परत काफ़ी कठोर होती है। इसी परत के कारण रजकणों द्वारा सोख लिया गया जल नीचे भूल-तल के जल में नहीं मिलता और उससे ऊपर रह जाता है।
✔✔रेत के नीचे सब जगह खड़िया की पट्टी नहीं है। इसलिए कुंई भी सारे राजस्थान में नहीं मिलतीं।
✔✔लोग इस क्षेत्र को छह-बीसी छह गुणा बीस कहते हैं।
✔✔इस पट्टी को पार भी कहा जाता है। जैसलमेर तथा बाड़मेर के कई गाँव पार के कारण ही आबाद हैं। अलग-अलग जगहों पर खड़िया पट्टी के अलग-अलग नाम हैं।
✔✔कहीं चह चारोली है तो कहीं धाधड़ोंधड़धड़ोकहीं पर बिटू से बल्लियों के नाम से भी जानी जाती है।
✔✔कहीं इस पट्टी को खड़ीभी कहते हैं। इसी खड़ी के बल पर खारे पानी के बीच मीठा पानी देता हुई कुंई खड़ी रहती है।
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