Khel fixing ek kalank- par nibandh likhiye
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खेल के साथ खिलवाड़ कब तक (निबंध) | Essay on Politics in Sports in Hindi!
मैच फिक्सिंग के लिए बदनाम क्रिकेट पर एक बार फिर यह काला धब्बा लग गया है । इस बार भी यह धब्बा उसी पाकिस्तानी टीम पर लगा है जो पहले से ही इसके लिए बदनाम है । इस बार यहाँ के कैप्टन सलमान बट, फास्ट बालर्स मो. आसिफ और मो. आमिर लपेटे में आए हैं । पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के ये तीनों सदस्य मैच फिक्सिंग के दोषी पाए गए हैं ।
सितम्बर, 2010 में जब पाकिस्तानी टीम इंग्लैंड में थी, ब्रिटिश समाचार पत्र ‘द न्यूज ऑफ द वर्ल्ड’ द्वारा कराए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में इन खिलाडियों ने फिक्सिंग में लिप्तता स्वीकार की थी । पाकिस्तानी टेस्ट टीम के कप्तान सलमान बट व दोनों तेज गेंदबाजों ने स्टिंग ऑपरेशन में स्वीकार किया कि अगस्त, 2010 में लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट मैच में उन्होंने धन लेकर ‘नो बॉल’ फेंकी थी । इस खुलासे के बाद आईसीसी ने इन तीनों खिलाड़ियों को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया है ।
लन्दन में क्रिकेट के नए सट्टे के खुलासे से एक बार फिर खेल प्रेमियों को गहरा सदमा लगा है । पैसे के लालच मे कुछ लोगों ने ना केवल खेल भावना को शर्मसार किया है, बल्कि विनाशकारी बाढ़ के बीच फंसे करोडों पाकिस्तानियों के साथ विश्वासघात किया है ।
स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा अभी पूरा खुलासा नहीं किया गया है, पर इस बात की आशंका है कि सट्टेबाजी के तार भारत या दूसरे देशों से भी जुड़े हो सकते हैं । जो लोग समझते हैं कि सट्टेबाजी का जहर सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित है, वो शायद क्रिकेट के परिवेश को नहीं जानते ।
वो यह भी नहीं जानते कि भद्र लोगों के इस खेल में कई बार मैदान से ज्यादा बाहर की जोड़-तोड़ ने खेल के निर्णय को प्रभावित किया है । अक्सर शक की सुई खिलाड़ियों तक ही सिमट कर रह जाती है, जबकि परदे के पीछे के दोषियों पर आंच भी नहीं आती ।