Hindi, asked by Gopal7378, 10 months ago

Kis Karan panchiyon ke Pankh Tut jaenge

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Answered by shishir303
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पिंजरे की कठोर सोने की तीलियों से टकराकर पक्षियों के कोमल पंख टूट जाएंगे।

“हम पक्षी उन्मुक्त गगन” के कविता ‘शिवमंगल सिंह सुमन’ द्वारा रचित कविता है। इस कविता के माध्यम से कविन ने पिंजरे में बंद पक्षियों की व्यथा को प्रकट किया है। इस कविता के माध्यम से कवि यह सिद्ध करना चाहता है कि पक्षी खुले आकाश में विचरण करना चाहते हैं। पिंजरे में बंद रह कर वह खुश नहीं रह सकते, वह अपने मधुर स्वर में गाना नहीं गा सकते। भले ही वह पिंजर सोने का बना हो लेकिन उसकी तीलिया उनके लिए किसी जेल से कम नहीं है और उन तीलियों से टकराकर उनके पंख टूट जाएंगे। वह स्वच्छंद आकाश में विचरण करने वाले. नदी-तालाबों का बहता जल पीने वाले पंछी हैं, जिन्हे स्वतंत्रता चाहिए पराधीनता नहीं।

Answered by Anonymous
29

Answer:

pinjre me band hone ke kaaran unke pulkit pankh un sone ki tiliyon se takrakar toot jayenge

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