Hindi, asked by arpanagiri5, 1 year ago

Kisi Yatra ke dauran Hue Anubhav par Lekh likhe in hindi

Answers

Answered by DeekshaReddy1
35
हवाई जहाज की  यात्रा
पिछली गर्मियों में मैं काठमंडू गया । मैंने विमान द्वारा जाने का निश्चय किया और रॉयल नेपाल एयरलाइन्स द्वारा अपना आर क्षण एक सप्ताह पहले ही करा लिया । मेरे विमान ने इ॰ग॰अ॰ हवाई अड्‌डे से सुबह दस बजे उड़ान भरी । उड़ान से पूर्व हर तरह की पूरी जाँच पड़ताल हुई एवं सीटों पर बैठने के पश्चात यात्रीओं को बेल्ट पहन  के  निर्देश दिये   गये ।

अब विमान तीव्र ने ‘रन वे’ पर दौड़ना प्रारम्भ किया तो बहुत तेज आवाज हुई । पर कुछ ही समय में यह उड़ने लगा । यह मेरी प्रथम हवाई यात्रा थी जब विमान उड़ रहा था मुझे कुछ चक्कर से महसूस हुये । मेरे कान सुन हो  गये । किन्तु कुछ देर पश्चात् में सामान्य अनुभव करने लगा ।

अबविमान तीव्र गतिसे  उड़ रहा था । मैंने-खिड़की से नीचेदेखा तो शहरों और नगरों के मकान खिलौनों जैसे छोटे-छोटे दिखायी पड़ रहे थे । नीचे की दृश्यावली अत्यन्त मोहक थी । जंगल एवं वृक्ष छोटे-छोटे पौधों की तरह लग रहे थे ।

बड़ी नदी भी पानी की एक छोटी धारा प्रतीत हो रही थी जब मैं नीचे की ओर देख रहा था परिचारिका ने मुझे बुलाकर कॉफी एवं कुछ नाश्ता प्रस्तुत किया । मुझे नाश्ता अत्यन्त स्वाद लगा । हवाई जहाज के अन्दर यात्रियों को देखने में बहुत आन्नद आ रहा था । कुछ यात्री ऊँघ रहे थे तो कुछ खर्राटे भर रहे थे । कुछ को चक्कर से महसूस हो रहे थे कुछ असहज से थे ।

कुछ यात्री पत्र-पत्रिकाओं पर दृष्टि डाल रहे थे तो कुछ कोई अपना प्रिय उपन्यास पढ़ कर समय व्यतीत कर रहे थे । कई यात्री आपस में परिचय करने के पश्चात् बात-चीत में व्यस्त हो गये थे । साढ़े ग्यारह बजे हमारे विमान ने पटना में थोड़ी देर का विराम लिया ।

हमें पुन: हल्का नाश्ता दिया गया । कुछ यात्री समाचार पत्र एवं उपन्यास ले आये । और विमान ने अन्तत: नेपाल की राजधानी काठमंडू के लिये उड़ान भरी । जब हवाई जहाज उड़ रहा था मैंने रास्ते की रमणीय दृश्यावली का आनंद उठाया ।

कॉकपिट के मध्य से झाँकने एवं नीचे के दृश्यों को देखना वास्तव में बहुत अच्छा लगा । जब हमारा विमान नेपाल के पहाड़ी इलाकों पर उड़ान भर रहा था तो दृश्यावली और भी अधिक आकर्षक एवं आनददायक हो गयी ।

ऊँचे-ऊँचे पहाड़ विशाल जल-प्रपात संर्कीण-घाटी मार्ग एवं दर्रे घने जंगल पहाड़ों के ऊपर हरी वनस्पति एवं साइप्रस वृक्ष एक अदभुत दृश्य प्रस्तुत कर रह थे । काठमंडू घाटी का दृश्य भी अत्यन्त सुन्दर प्रतीत हो रहा था ।

पहाड़ों से घिरी काठमंडू घाटी को ऊपर से निहारना एक निराला अनुभव है । काठमंडु  की घाटी में मिनारें कँगूरे दार बुर्जों, पैगोडा एवं स्कूपों का सौन्दर्य अनुपम है । अन्तत: हमारा विमान दो बजे के लगभग काठमंडु हवाई अड्‌डे पर उतरा । उस समय सम्पूर्ण काठमंडू शहर सुनहली धूप से नहाया हुआ था । मैंने विमान से बाहर आ हवाई अड्‌डे पर एक रेस्तरा में कॉफी पी एवं एक टैक्सी करके अपने मित्र के घर चला गया ।


Answered by mohdperwaz312
28

ग्रीष्मावकाश में इस बार मैंने अपने माता-पिता, बहन और दो मित्रों के साथ देहरादून घूमने जाने की योजना बनाई। सबको मेरा प्रस्ताव पसंद आया और हम सब 24 मई को अपनी गाड़ी में बैठकर प्रात: 4 बजे देहरादून के लिए रवाना हुए। अभी गाड़ी 25-30 किमी 0 ही चली थी कि अचानक वह घरघराकर रूक गई। गाड़ी खराब हो गई थी। यहाँ आस-पास कोई शहर या कस्बा नहीं था। सड़क के दोनों ओर खेत थे। रास्ता सुनसान था। हम सब परेशान हो गए। पिताजी ने उतरकर देखा, पर उन्हें भी समझ नहीं आया कि गाड़ी क्यों नहीं चल रही थी। हमें वहीं खड़े-खड़े तीन घंटे बीत गए। उस सड़क पर आने-जाने वाली गाडि़यों को हमने हाथ देकर रोकने की कोशिश की, जिससे कुछ सहायता प्राप्त की जा सके,परंतु सभी लोग जल्दी में थे और कोई भी हमारी बात सुनने के लिए नहीं रूकना चाहता था।

शाम होने जा रही थी। हम लोगों का भूख और गर्मी के कारण बुरा हाल था। मेरी छोटी बहन तो परेशान होकर रोने लगी, मां ने मुशिकल से उसे चुप कराया। जब कुछ नहीं सूझा तो मेरे पिता जी ने चाचा जी को फ़ोन किया और वे अपने साथ मैकेनिक को लेकर आए, तब कहीं जाकर गाड़ी ठीक हो सकी।

इस बीच मेरठ से खाना खरीदा गया और हम लोग रात में 12.30 बजे देहरादून पहुँच पाए। हमारा पूरा दिन बर्बाद हो गया था। अब जब कभी हम लोग गाड़ी में बैठकर बाहर जाते हैं या कहीं घूमने की योजना बनाते हैं, वह समस्याओं से भरा दिन बरबस याद आ जाता है।

Similar questions