Hindi, asked by kumaritejsweni1, 1 year ago

Kitne chaurahe novel ka summary

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Answered by vinay7860
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पाठक के मन में चारों ओर चीखते भ्रष्टाचार, स्वार्थपरता आदि के प्रति क्षोभ उभरता है । उत्सर्गी परम्परा के प्रति आकर्षण बढ़ता है । 'कितने चौराहे' में 'आंचलिकता का विश्वसनीय पुट, ज्वलन्त चरित्र सृष्टि, मार्मिक कथावस्तु और चरित्रानुकूल भाषा मोहित करती है । साधारण में निहित असाधारणता का उन्मेष सर्वोपरि है । रेणु के उपन्यास-शिल्प की अनेक विशेषताएँ इस रचना में दृष्टिगोचर होती हैं । शब्दों के बीच से बिम्ब झाँकते हैं, 'सूरज पच्छिम की ओर झुक गया । बालूचर पर लाली उतर .आई । परमान की धारा पर डूबते हुए सूरज की अन्तिम किरण झिलमिलाई ।' जीवन का जयगान करता उपन्यास ।

'कितने चौराहे' फणीश्वरनाथ रेणु का पठनीय लघु उपन्यास है । पहली बार यह 1966 में प्रकाशित हुआ । इस उपन्यास के वृत्तान्त में लेखक ने निजी जीवन की कई घटनाओं को संयोजित किया है ।. 'कितने चौराहे' की रचना का उद्‌देश्य स्पष्ट है । यह उपन्यास आजादी के लिए संघर्ष करने और बलिदान देनेवाले युवकों को केन्द्र में रखकर लिखा गया है, ताकि आज के किशोरों में देशप्रेम, सेवा, त्याग आदि आदर्शों के भाव जाग्रत् हो सकें । यह उपन्यास व्यक्तिगत सुख-दुख, स्वार्थ-मोह से ऊपर उठकर देश के लिए जीने-मरने वालों कै मानवीय, संवेदनशील रूप को उभारता है । पाठकों के मन में यह वृत्तान्त श्रद्धा जाग्रत् करता है

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vinay7860

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