Koi din ashubh nahi summary
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साईंदासस्कूलग्राउंड में नौ दिवसीय श्री रामायण ज्ञान यज्ञ शुक्रवार को पूज्य भक्त हंसराज (पिता जी) का स्मरण करते हुए शुरू हो गया। कृष्ण विज ने कहा कि आज भले भक्त हंसराज जी साकार रूप में हमारे बीच नहीं हैं, मगर वह निराकार रूप में सदैव हमारे बीच ही हैं। वह कहते हैं कि पिता जी ने श्री राम नाम का दीप जो हमारे भीतर जलाया है वह सदैव उसी तरह से जलता रहेगा। क्योंकि राम का नाम दीपक के समान है। जिसने अपने भीतर राम नाम की दीप नहीं जलाया उसका जीवन व्यर्थ है। इसलिए जब तक हम दीप की लौह को रोशन रखेंगे दुखों कष्टों से मुक्त रहेंगे। उन्होंने कहा कि आज हर कोई यही सवाल करता है कि शुभ दिन कब आएंगे? यह प्रश्न ही उनका भ्रम है। जो उनके भीतर डर के रूप में बैठा हुआ है। दिन कभी भी अशुभ नहीं होते हैं। राम नाम लेते चले और हर दिन ही शुभ है। इसलिए मन के भीतर फैले विकारों और भ्रम से बाहर निकलें। जब भी कोई शुभ कार्य करना है राम नाम लेकर कर लें उसे टाले नहीं। इन दिनों में हर जगह श्री रामायण का जप-तप होता है और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अति उत्तम समय हैं। रेखा विज ने संगीतमय श्री रामायण की चौपाइयों का पाठ किया। भक्तों से खचाखच भरा पंडाल था और बांसुरी की मधुर धुनों के साथ-साथ जय श्री राम-जय श्री राम के गूंज अद्भुत छठा बिखेर रही थी। शनिवार से पाठ रोजाना सुबह सवा छह से आठ और शाम चार से छह बजे तक होगा।
साईंदास स्कूल ग्राउंड में शुक्रवार को नौ दिवसीय श्री रामायण ज्ञान यज्ञ शुरू हो गया। रेखा विज ने संगीतमय श्री रामायण की चौपाइयों का पाठ किया। भक्त बांसुरी की मधुर धुनों के साथ-साथ जय श्री राम-जय श्री राम के गूंज अद्भुत छठा बिखेर रही थी। -ज्योति प्रकाश