Koi se 8 vismayadibodhak Shabd likhiye in Hindi
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ऐसे शब्द जो वाक्य में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि भाव व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त हों, वे विस्मयादिबोधक कहलाते हैं। ऐसे शब्दों के साथ विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग किया जाता है। जैसे: अरे!, ओह!, शाबाश!, काश! आदि।
विस्मयादिबोधक के उदाहरण :
अरे!, आप कौन हो!
हे राम, यह कैसे हुआ!
धिक्कार है तुम्हे!
हाय, मुझे देर हो गयी!
जैसा कि आप ऊपर दिए गए वाक्यों में देख सकते हैं, अरे, हे राम, हाय आदि शब्दों का प्रयोग हुआ है। इन शब्दों से किसी तीव्र भावना को जताने का प्रयास किया जा रहा है। अतः ये शब्द विस्मयादिबोधक कहलायेंगे।
विस्मयादिबोधक के भेद :
विस्मयादिबोधक के कुल दस भेद होते हैं :
शोकबोधक
तिरस्कारबोधक
स्वीकृतिबोधक
विस्मयादिबोधक
संबोधनबोधक
हर्षबोधक
भयबोधक
आशीर्वादबोधक
अनुमोदनबोधक
विदासबोधक
विवशताबोधक
1. शोकबोधक :
जहां वाक्य में हे राम!, बाप रे बाप!, ओह!, उफ़!, हां! आदि आते हैं, तो वहां पर शोकबोधक होता है। इन शब्दों से शोक की भावना व्यक्त की जाती है।
उदाहरण:
हे राम! ऐसा मेरे साथ ही क्यूँ होता है!
बाप रे बाप! अब मेरा क्या होगा!
हाय! नाना जी चल बसे!
ओह! मैं ये सब नहीं कर सकता!
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं हे राम!, हाय!, ओह! आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है। इन शब्दों से दुःख, शोक आदि कि भावना व्यक्त की जा रही है। अतः ये उदाहरण शोकबोधक के अंतर्गत आयेंगे।
2. तिरस्कारबोधक :
जब वाक्यों में छि: ! , थू-थू , धिक्कार ! , हट ! , धिक् ! , धत ! , चुप ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो वे शब्द तिरस्कारबोधक कहलाते हैं।
उदाहरण:
छि:! कितनी गन्दी जगह है ये!
अगर तुम यह भी नहीं कर सके तो धिक्कार! है तुम पे!
चुप! लगता है कोई आ रहा है!
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं छि:, धिकार, चुप आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है। ये शब्द तिरस्कार कि भावना को उजागर कर रहे हैं। अतः ये उदाहरण तिरस्कारबोधक के अंतर्गत आयेंगे।
3. स्वीकृतिबोधक :
जब अच्छा ! , ठीक ! , हाँ ! , जी हाँ ! , बहुत अच्छा ! , जी ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है , तो ये स्वीकृतिबोधक के अंतर्गत आते हैं। इनसे हमें स्वीकृति की भावना का बोध होता है। अतः ये स्वीकृतिबोधक कहलाते हैं।
उदाहरण:
अच्छा ! फिर ठीक है।
तुम यही चाहते हो तो फिर ठीक!
जी हाँ! मैं ही वह बन्दा हूँ।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं अच्छा!, ठीक!, जीहाँ! आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है। इनसे हमें स्वीकृति की भावना का बोध हो रहा है। अतः ये उदाहरण स्वीकृतिबोधक के अंतर्गत आयेंगे।
4. संबोधनबोधक :
जब हो !, अजी !, ओ !, रे !, री !, अरे !, अरी !, हैलो !, ऐ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है, तो वे संबोधनबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करके हम किसी का संबोधन करते हैं।
उदाहरण:
अजी ! सुनते हो।
अरे! ज़रा रुको तो सही।
हैलो ! आप कौन बोल रहे हैं ?
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं अजी!, अरे!, हैलो! आदि शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। इनका प्रयोग किसी का संबोधन करने के लिए किया गया है। अतः ये संबोधनबोधक के अंतर्गत आयेंगे।
5. हर्षबोधक :
जब वाह -वाह !, धन्य !, अति सुन्दर !, अहा !, शाबाश !, ओह ! आदि शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है , तो ये हर्षबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करके हम हर्ष की भावना व्यक्त करते हैं।
उदाहरण:
अहा! यह बहुत अच्छा हुआ।
शाबाश ! तुमने यह कर दिखाया।
वाह ! ये तो किसी अजूबे से कम नहीं।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं आहा !, शाबाश!, वाह! आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है। इन शब्दों से हर्ष की भावना व्यक्त हो रही है। अतः ये शब्द हर्षबोधक के अंतर्गत आयेंगे।
6. भयबोधक :
जब बाप रे बाप ! , ओह ! , हाय ! , उई माँ ! , त्राहि – त्राहि जैसे शब्दों का प्रयोग वाक्य में किया जाता है, तो ये भयबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों से भय या डर की भावना व्यक्त होती है।
उदाहरण:
हाय! अब मेरा क्या होगा।
उई माँ! बहुत जोर से दर्द हो रहा है।
बाप रे बाप ! इतना बड़ा सांप।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं हाय! उई माँ!, बाप रे बाप आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है। ये शब्द डर की भावना व्यक्त कर रहे हैं। अतः ये भयबोधक के अंतर्गत आयेंगे।
7.आशिर्वादबोधक :
जब किनहीं वाक्यों में जीते रहो!, खुश रहो!, सदा सुखी रहो!, दीर्घायु हो आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो ये आशिर्वादबोधक कहलाते हैं। ये तब प्रयोग करते हिं जब बड़े लोग छोटे लोगों को आशीर्वाद देते हैं।
सदा खुश रहो! बेटा।
जीते रहो ! पुत्र तुम्हें कामयाबी मिले।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि सदा खुश रहो आदि शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन शब्दों से बड़े छोटों को आशिर्वाद देते हैं। अतः ये शब्द आशीर्वादबोधक के अंतर्गत आयेंगे।
8. विस्मयादिबोधक :
जब वाक्य में अरे ! , क्या ! , ओह ! , सच ! , हैं ! , ऐ ! , ओहो ! , वाह ! आदि शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है , तो वे शब्द विस्मयादिबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों से हमें आश्चर्य कि भावना का बोध होता है।
अरे ! यह क्या हुआ।
अरे! तुम कब आये ?
क्या! यह सच में बदल गया ?
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं, अरे!, क्या! आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है। इन शब्दों से हमे आश्चर्य की भावना का बोध होता है। अतः यह शब्द विस्मयादिबोधक के अंतर्गत आयेंगे।
9. अनुमोदनबोधक :
विवाश्ताबोधक के अंतर्गत आयेंगे।
Explanation:
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Explanation:
"विस्मयादिबोधक वाक्य की परिभाषा":
ऐसे वाक्य जिनमे हमें आश्चर्य, शोक, घृणा, अत्यधिक ख़ुशी, स्तब्धता आदि भावों का बोध हो, ऐसे वाक्य विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाते हैं।
इन वाक्यों में जो शब्द विस्मय के होते हैं उनके पीछे (!) विस्मयसूचक चिन्ह लगता है। इस चिन्ह से हम इस वाक्य की पहचान कर सकते हैं।
"विस्मयादिबोधक वाक्य के उदाहरण":
हे भगवान ! ऐसा मेरे साथ ही क्यों होता है।
ऊपर दिए गए उदारहण में जैसा की आप देख सकते हैं की वक्ता के इस वाक्य से शौक का भाव का बोध हो रहा है। जैसा की हम जानते हैं की जब भी वाक्य में शौक का भाव होता है तो वह विस्मयादिबोधक हो जाता है। अतः यह उदाहरण विस्मयादिबोधक वाक्य के अंतर्गत आएगा।
हाय ! मैं तो लूट गया।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं की यहां वक्ता खुद के लुटने का शौक व्यक्त कर रहा है. जैसा की हम जानते हैं की जब भी वाक्य में शौक का भाव होता है तो वह विस्मयादिबोधक हो जाता है। अतः यह उदाहरण विस्मयादिबोधक वाक्यों के अंतर्गत आएगा।
अरे ! तुम कब आये।
ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं यहाँ वक्ता को किसी के आने की वजह से आश्चर्य हो रहा है। जैसा की हम जानते हैं की जब भी वाक्य में आश्चर्य का भाव होता है तो वह विस्मयादिबोधक हो जाता है। अतः यह उदाहरण विस्मयादिबोधक वाक्यों के अंतर्गत आएगा।
वह ! कितना सुन्दर बगीचा है।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, यहां वक्ता बगीचे की सुंदरता से स्तब्ध रह गया है। यह भाव भी विस्मयादिबोधक के अंतर्गत आएगा। इसकी पहचान भूम विस्मयसूचक चिन्ह से भी कर सकते हैं। अतः यह उदाहरण विस्मयबोधक वाक्य के अंतर्गत आएगा।
विस्मयादिबोधक वाक्य के कुछ अन्य उदाहरण :
ओह ! कितनी ठंडी रात है।
बल्ले ! हम जीत गए।
कहा ! भारत जीत गया।
अरे ! तुम लोग कब पहुंचे।