Hindi, asked by sudeshyadavks, 11 months ago

Krod or vidharthi par nibhand​

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Answered by Sunillende12
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Answer:

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Explanation:

क्रोध, गुस्सा, आवेश, प्रज्जवलन जैसे शब्दों से आप क्या अनुमान लगाते हैं। ये बहुत साफ है कि ऐसे शब्द हमारे मन की उस अवस्था को बताते हैं, जहां हम आपा खो चुके होते हैं। हमारी बुद्धि-विवेक का ह्रास हो जाता है और हम मन के पूरी तरह नियंत्रण में आ जाते हैं। ऐसे में अक्सर आपा खो बैठने की हालत हो जाती है और अंतिम रूप से पश्चाताप के अलावे कुछ भी हाथ नहीं लगता है।

निश्चित रूप से यह एक दयनीय अवस्था होती है, जहां हम दूसरे को दुःख तो पहुंचाते ही हैं लेकिन इससे बुरी बात ये है कि इसमें अंतिम रूप से हमारा ही नुकसान होता है। व्यवहारिक जीवन में इससे बड़ा दुःख और कुछ नहीं हो सकता कि क्रोध की अवस्था में हम दूसरे को दुःख पहुंचाना चाहते हैं किंतु इसमें हमारा बहुत अधिक बिगड़ जाता है

विद्‌यार्थी जीवन को किसी भी मनुष्य के जीवनकाल की आधारशिला कह सकते हैं क्योंकि इस समय वह जो भी गुण अथवा अवगुण आत्मसात् करता है उसी के अनुसार उसके चरित्र का निर्माण होता है ।

विद्‌यार्थी ही आगे चलकर देश की राहें सँभालेंगे, कल इनके कंधों पर ही देश के निर्माण की जिम्मेदारी आएगी अत: आवश्यक है कि ये कल के सुयोग्य नागरिक बनें और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन धैर्य और साहस के साथ करें ।

बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा के दौर में आज लोग बहुत ही व्यस्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं जिससे माता-पिता अपनी संतान को वांछित समय नहीं दे पाते हैं । इसी कारण बच्चों में असंतोष बढ़ता है जिससे अनुशासनहीनता उनमें जल्दी घर कर जाती है ।

Answered by samiashadh2712
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Essay on student/student life in Hindi

  • विद्यार्थी जीवन ज्ञान प्राप्ति का समय है। यह जीवन हर इंसान के जीवन का महत्वपूर्ण समय होता है। इसी समय पर इंसान का सम्पूर्ण भविष्य निर्भर करता है। इस समय का सदुपयोग करने वाले अपने जीवन को महान और आरामदायक बना सकते हैं। जो विद्यार्थी इस समय को फालतू के कार्यों में बर्बाद करता है उसका भविष्य अंधकार में सिमट जाता है। विद्यार्थी जीवन में ही इंसान के असली चरित्र का निर्माण होता है। इसीलिए जिंदगी के हर मोड़ पर सोच समझकर कदम उठाने की जरूरत पड़ती है।

  • विद्यार्थी जीवन ज्ञान प्राप्ति का समय है। यह जीवन हर इंसान के जीवन का महत्वपूर्ण समय होता है। इसी समय पर इंसान का सम्पूर्ण भविष्य निर्भर करता है। इस समय का सदुपयोग करने वाले अपने जीवन को महान और आरामदायक बना सकते हैं। जो विद्यार्थी इस समय को फालतू के कार्यों में बर्बाद करता है उसका भविष्य अंधकार में सिमट जाता है। विद्यार्थी जीवन में ही इंसान के असली चरित्र का निर्माण होता है। इसीलिए जिंदगी के हर मोड़ पर सोच समझकर कदम उठाने की जरूरत पड़ती है।विद्यार्थी जीवन में सबसे ज्यादा शिक्षा , स्वास्थ्य , खेल कूद का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है। विद्यार्थी को परिश्रमी बनने की ज्यादा जरूरत पड़ती है। विद्यार्थी को बुरी संगत से बचने की ख़ास जरूरत होती है यदि एक बार बुरी संगति का असर हो जाए तो इससे निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है बुरी संगति विद्यार्थी का जीवन बर्बाद कर देती है। इसीलिए विद्यार्थी को नम्र बनकर शिक्षा प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।

  • एक अच्छे विद्यार्थी पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है। इसीलिए विद्यार्थी जीवन में सही मार्गदर्शन होना बेहद जरूरी होता है क्योंकि विद्यार्थी जीवन पर मनुष्य जीवन की नींव टिकी होती है। यदि नींव पक्की हो तो उस पर भवन भी पक्का बनता है और यदि नींव ही कमज़ोर हो तो भवन नहीं टिक पायेगा।

  • एक अच्छे विद्यार्थी पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है। इसीलिए विद्यार्थी जीवन में सही मार्गदर्शन होना बेहद जरूरी होता है क्योंकि विद्यार्थी जीवन पर मनुष्य जीवन की नींव टिकी होती है। यदि नींव पक्की हो तो उस पर भवन भी पक्का बनता है और यदि नींव ही कमज़ोर हो तो भवन नहीं टिक पायेगा।जीवन कच्चे घड़े के समान होता है इसीलिए बचपन में जैसे संस्कार मिल जाएं वहीँ आदत बन जाते हैं यहीं सोचकर विद्यार्थी को अपने जीवन में सदा अच्छे और सच्चे मित्र बनाने चाहिए बुरे चरित्र वाले मित्र जीवन की नाव को डुबो देते हैं। मर्यादा का ध्यान रखना विद्यार्थी का पहला कर्तव्य होता है इसके इलावा प्रत्येक विद्यार्थी को देशभक्त होना चाहिए। विद्यार्थी जीवन अमृत से भरा जीवन है यहीं से आपके असल जीवन की शुरुयात होती है इसी के आधार पर अच्छा बुरा इंसान बनता है इसीलिए विद्यार्थी जीवन का सदुपयोग करना हर छात्र परम कर्तव्य होना चाहिए।

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