kuhasa aur Kiran ke Nari Patra ka Charitra chitran
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कुहासा और किरण के नारी पात्र का चरित्र चित्रण
कुहासा और किरण नाटक श्री विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखा गया है|
नाटक की सुनन्दा प्रमुख नारी पात्र है|
सुनन्दा , कृष्ण चेतन्य की से सेक्रेटरीहै| उसकी आयु 25 वर्ष है| वह जागरूक नवयुवती है और समाचार-पत्रों के महत्व तथा उस में निहित शक्ति को पहचानती है| सुनन्दा के हृदय में अमूल्य के प्रति सहानुभूति है| वह उसकी विवशता को समझती है| इस प्रकार सुनन्दा एक प्रगतिशील , व्यावहारकुशल व स्वदेश-प्रेमी नवयुवती के रूप में पाठकों पर अपनी विशिष्ट छाप छोड़ती है|
सुनन्दा दूरदर्शी , साहसी , चतुर , विनोदी , कर्तव्यपरायणा और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार करती है जो जागरूक और सजग है| वह अमूल्य से सहानुभूति है तथा वह समाज के पाखण्डियों के रहस्य खोलने में अन्त तक अमूल्य का साथ देती है|
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