Kul bada ya karam essay in Hindi
Answers
कुल बड़ा या कर्म
कबीर दास जी हमेशा से कहते आए हैं कि- ऊंचे कुल का जनमिया करनी ऊंच न होय, सुबरन कलश सूरा भरा, दुख काहे को होय।
आप भले ही बड़े कुल में जन्म ले लिजिए। मगर फिर भी आप महान नहीं बन सकते क्योंकि इंसान अपने कर्मों से महान बनता है। अर्थात कर्म का ही हम सबके जीवन में अहम भूमिका होती है। हम किसके साथ कैसा व्यवहार करते हैं उसे के आधार पर हमारा विचार होता है।
ऊंचे कुल में जन्म लेकर झूठा शान से जीना गलत है। हम इंसान होकर यदि दूसरे इंसान के काम नहीं आ सकते हैं तो हमारा जन्म विफल है।
Answer:
कुल बड़ा या कर्म
कबीर दास जी हमेशा से कहते आए हैं कि- ऊंचे कुल का जनमिया करनी ऊंच न होय, सुबरन कलश सूरा भरा, दुख काहे को होय।
आप भले ही बड़े कुल में जन्म ले लिजिए। मगर फिर भी आप महान नहीं बन सकते क्योंकि इंसान अपने कर्मों से महान बनता है। अर्थात कर्म का ही हम सबके जीवन में अहम भूमिका होती है। हम किसके साथ कैसा व्यवहार करते हैं उसे के आधार पर हमारा विचार होता है।
ऊंचे कुल में जन्म लेकर झूठा शान से जीना गलत है। हम इंसान होकर यदि दूसरे इंसान के काम नहीं आ सकते हैं तो हमारा जन्म विफल है।