Hindi, asked by chiragtheguitarist, 21 days ago

kyu nirash hua jaye par panktiya or line chahiye​

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Answered by rahulkumar445
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क्या निराश हुआ जाए पाठ प्रवेश

वे कहते है समाचार पत्रों को पढ़कर लगता है सच्चाई और ईमानदारी ख़त्म हो गई है। आज आदमी गुणी कम और दोषी अधिक दिख रहा है। आज लोगो की सच्चाई से आस्था डिगने लगी है। लेखक कहते है कि लोभ, मोह, काम-क्रोध आदि को शक्तिमान कर हार नहीं माननी चाहिए बल्कि उनका डट कर सामना करना चाहिए।31 दिस॰ 2018

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