लोहे पर जंग लगने से इसका भार बढ़ता है या कम हो जाता है
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प्रशन:-
लोहे पर जंग लगने से इसका भार बढ़ता है या कम हो जाता है?
उत्तर :-
हाँ लोहे पर जंग लगने से इसका भार बढ़ जाता है।
स्पष्टटीकरण:-
लोहे पर जंग लगना एक संयोजन रसायनिक अभीक्रिया है और किसी भी संयोजन रसायनिक अभीक्रिया के दौरान कोई पदार्थ, का, लोहे, के, साथ संयोजन होता है, जिसके दौरान लोहे, का, वजन पहले, से बढ़ जाता है।
ये पदार्थ कोई दूसरा नहीं बल्कि। ऑक्सीजन होता है।
रसायनिक अभीक्रिया।
लोहा(Fe) + नमी(X H2O) + ऑक्सीजन(O2) जंग (Fe2O3)
अत: ये स्पष्ट है कि जब कोई लोहे की बनी वस्तु खुली हवा में रखी जाती है। अब हवा में उपस्थित नमी और ऑक्सीजन से अभी क्रिया, कर जंग, का उत्पादन करती है। जिसकी वजह, से, लोहे से बनी, वस्तु का भार पहले से बढ़ जाता है।
Answer:
लोहे में जंग लगना एक प्रकार का रासायनिक परिवर्तन है। जंग लगने पर लोहे का भार बढ़ जाता है क्योंकि लोहे में जंग लग जाता है जब लोहा ऑक्सीजन के साथ रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया करके नमी की उपस्थिति में आयरन ऑक्साइड बनाता है।
Explanation:
लोहे में जंग लगना जब लोहे की वस्तुएं नम हवा में मौजूद ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करती हैं, तो लोहे पर एक भूरे रंग का लेप बन जाता है। यह भूरे रंग का लेप आयरन के ऑक्सीजन के साथ आयरन ऑक्साइड बनाने की प्रतिक्रिया के कारण होता है। आयरन ऑक्साइड झरझरा है। जंग लगने पर लोहे का भार बढ़ जाता है क्योंकि लोहे में जंग लग जाता है जब लोहा ऑक्सीजन के साथ रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया करके नमी की उपस्थिति में आयरन ऑक्साइड बनाता है। इस दौरान, लोहे में ऑक्सीजन की मात्रा भी जुड़ जाती है, इसलिए लोहे का वजन बढ़ जाता है।
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