लॉक डाउन के दौरान अपने 10 दिवसीय दिनचर्या को डायरी लेखन के रूप में लिखिए
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जागरण संवाददाता, सोनभद्र : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन किया गया है। इस वैश्विक महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है। प्रधानमंत्री के लॉकडाउन की घोषणा के चलते लोग घरों में कैद हो गए हैं। आम तौर पर एक दूसरे से बातचीत करने वाले लोग भी अपनी दिनचर्या को बदल लिया है।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित 80 वर्षीय वरिष्ठ साहित्यकार अर्जुन दास केशरी इन दिनों अपने राबर्ट्सगंज नगर स्थित निवास स्थान पर रह रहे हैं। उन्होंने अपने दिनचर्या में पूरी तरीके से बदलाव कर लिया है। आमतौर पर हमेशा उनके घरों पर साहित्य से जुड़े लोगों का आना जाना लगा रहता था। लेकिन इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर वह अलर्ट दिखाई दे रहे हैं। वह सुबह पांच बजे उठते है। नित्यक्रिया करने के बाद योग व प्रणायाम करते हैं। प्रतिदिन एक घंटा दुर्गा सप्तशती का पाठ कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते पर्याप्त समय मिलने से कोरोना महामारी के विषय पर प्रतिदिन दो पेज की एक डायरी लिख रहा हूं कि इस महामारी का स्थायी समाधान क्या हो सकता है। इसके अलावा जो किताबें आधी-अधूरी लिखी पड़ी है उसको पूर्ण करने का काम कर रहा हूं। कई दिनों से पुरानी किताबों पर धूल जम गई थी, लेकिन इस समय पर्याप्त समय मिलने से उसकी साफ-सफाई प्रतिदिन कर रहा हूं। वे कहते हैं कि लॉकडाउन का सभी को पालन करना चाहिए। सावधानी बरतकर ही इस महामारी से निजात पा सकते हैं।
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