Hindi, asked by agrimdubey1771, 9 months ago

लोक लाज खोने का अभिप्राय क्या है?

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Answered by Anonymous
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लोक-लाज खोने का यह अभिप्राय है कि समाज की अपनी एक मर्यादा होती है। जब हम इसके विपरीत कार्य करते हैं तो लोक-लाज खोने की बात कही जाती है। मीरा ने भी कुल एवं समाज की इस झूठी मर्यादा की परवाह नहीं की। वह निडर थी।

Answered by Dhruv4886
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लोक लाज खोने का अभिप्राय परिवार की मर्यादा खोने से है। हर एक समाज की अपनी एक मर्यादा होती है और जब कोई व्यक्ति इसके विपरीत कार्य करता है तो उसे मर्यादा का उल्लंघन मानकर लोक-लाज खोने की बात की जाती है।

मीरा का विवाह राजपुताना परिवार में हुआ था। राज परिवार से संबंधित होने के कारण वहाँ महिलाओं को अनेकों प्रथाओं का पालन जैसे पर्दा प्रथा का पालन करना, पर-पुरूषों के सामने आना, मंदिरों में जाकर भजन-कीर्तन में शामिल होना आदि अनेकों बातों की मनाही थी। मीरा ने परिवार की इन झूठी मर्यादाओं की परवाह न की और कृष्ण की भक्ति, सत्संग-भजन, साधु संतों के साथ उठाना बैठना सभी निर्भय पूर्वक जारी रखा। इसी संदर्भ में मीरा के लोक लाज छोड़ने की बात की गई है

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