Political Science, asked by arun626017, 5 months ago

लोक प्रशासन में प्रशिक्षण के उद्देश्यों प्रकारों की विवेचना कीजिए​

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Answered by kumaramitv3
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Answer:

सन् 1944 में ब्रिटेन में नियुक्त ‘एस्वोटन समिति’ (Assheton Committee) ने प्रशिक्षण के निम्नलिखित पाँच उद्देश्य बताये:

(1) कार्मिकों में विश्वसनीय कार्य चातुर्य उत्पन्न करना ।

(2) कार्मिकों को इस योग्य बनाना कि वे परिवर्तित परिस्थितियों में अपने कार्य को दक्षतापूर्वक एवं सुगमता से सम्पदा कर सकें ।

(3) कार्मिकों के दृष्टिकोण को व्यापक बनाकर उन्हें अनुभव कराना कि वे सेवक हैं स्वामी नहीं ।

(4) कार्मिकों में सामुदायिक भावना उत्पन्न करना तथा उन्हें यन्त्रीकरण से बचाना ।

(5) कार्मिकों को दायित्वों की पूर्ति हेतु अधिक क्षमता प्रदान करना ।

प्रशासनिक कार्यों को सभ्यता करने की एक निश्चित विधि होती है जिसे प्रशिक्षण के माध्यम से ही सीखा जा सकता है ।

उपयुक्तता विवरण से स्पष्ट है कि प्रशिक्षण का उद्देश्य केवल तकनीकी कार्यों एवं नित्य के कार्यों का निष्पादन सिखाना ही नहीं वरन् एक समझदार एवं गम्भीर दृष्टिकोण का विकास करना भी है ।

Explanation:

लोक सेवा से सम्बन्धित एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू ‘प्रशिक्षण’ है जिस पर एक बड़ी सीमा तक प्रशासनिक कार्यकुशलता निर्भर करती है । वर्तमान में कार्य विशेषीकरण के कारण सरकारी अधिकारियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गयी है ।

यह उल्लेखनीय है कि ‘प्रशिक्षण’ (Training) व ‘शिक्षण’ (Education) एक-दूसरे से पृथक् हैं । शिक्षा जीवन के मूल्य व लक्ष्य निर्धारित कर सैद्धान्तिक आधार तैयार करती है जबकि प्रशिक्षण का सम्बन्ध व्यावहारिक ज्ञान से है ।

शिक्षा का क्षेत्र व्यापक होता है प्रशिक्षण का क्षेत्र अपेक्षाकृत संकुचित होता है । शिक्षा बौद्धिक व मानसिक विकास करती है तथा प्रशिक्षण का सम्बन्ध किसी विशेष व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष कौशल बढ़ाने से है ।

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