Hindi, asked by sriom9410603644, 9 months ago

लॉकडाउन के अंतर्गत श्रमिक समस्या पर निबंध​

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Answered by Tanishka1750
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Answer:

कोरोना लॉकडाउन से श्रमिक वर्ग को सबसे ज्यादा समस्या

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस पर चिंता जताई थी

अब सरकार ने कामगारों के लिए कंट्रोल रूम बनाए

इन कंट्रोल रूम के कॉल सेंटर दूर करेंगे मजदूरों की समस्या

लॉकडाउन से देश भर के श्रमिकों-मजदूरों को आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने मंगलवार को 20 कंट्रोल रूम बनाए हैं. ये कंट्रोल रूम चीफ लेबर कमिश्नर ऑफिस के तहत बनाए गए हैं.

क्या करेगा कंट्रोल रूम

इन कंट्रोल रूम को मुख्यत: दो तरह का काम सौंपा गया है—केंद्रीय स्तर पर श्रमिकों की तनख्वाह संबंधी समस्याओं का समाधान और राज्य सरकारों के सहयोग से प्रवासी कामगारों की समस्याओं का समाधान करना. इन कंट्रोल रूम के कॉल सेंटर में कोई भी व्यक्ति फोन, वॉट्सऐप या ई-मेल के द्वारा संपर्क कर सकता है.

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सरकार ने इस बारे में एक बयान में कहा है, 'सभी संबंधित अधिकारियों को यह सलाह दी गई है कि वे कामगारों के प्रति मानवीय रवैया अपनाएं और जहां तक संभव हो जरूरतमंद लोगों को समय से राहत मिलना सुनिश्चित किया जाए.'

बढ़ गई है लॉकडाउन की अवधि

गौरतलब है कि सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. पहले चरण का लॉकडाउन आज यानी 14 अप्रैल को खत्म होना था. आज सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि कोरोना का प्रकोप अभी कम नहीं हुआ है, ऐसे में देश में लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया जा रहा है.

प्रवासी मजदूरों की चिंता

पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किल आ रही है और सरकार उनका पूरा ध्यान रखेगी. ऐसे हजारों प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर दिल्ली और मुंबई से अपने गांव चले गए हैं.

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के एक सर्वे के अनुसार, 5 अप्रैल को खत्म हफ्ते में बेरोजगारी की दर 23.4 फीसदी तक पहुंच गई है जो अब तक का एक रिकॉर्ड है. हालांकि, इस सर्वे में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को शामिल नहीं किया जाता है.

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