लोकसभा राज्यसभा से ज्यादा शक्तिशाली क़्यो है
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Answer:
भारतीय संसद के तीन अंग हैं-
1.राष्ट्रपति 2.राज्यसभा(उच्च सदन) 3.लोकसभा(निचला सदन)
निश्चित रूप से प्रत्यक्ष रूप से जनप्रतिनिधियों के चुने जाने के कारण लोकसभा के पास सर्वाधिक शक्तियां होती हैं.चूँकि राज्यसभा के प्रतिनिधि अप्रत्यक्ष रूप से चुनकर आते हैं ,इस वजह से उनकी शक्तियां सीमित होती हैं।
वर्तमान में राज्यसभा और लोकसभा से संबंधित कुछ आंकड़े इस प्रकार हैं-
★राज्यसभा
1.कुल सदस्य=245(जिसमे 229 भारतीय राज्यों से,4 केंद्र शासित प्रदेशों से एवं 12 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते हैं)
2.संविधान की चौथी अनुसूची राज्यसभा की सीटों का राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मध्य आवंटन से सम्बंधित है।
★लोकसभा
1.कुल सदस्य=545(जिसमे से 530 राज्यों से,13 केंद्र शासित प्रदेशों से एवं 2 एंग्लो-इंडियन सदस्य जो की राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते हैं)
लोकसभा की कुछ विशेष शक्तियां-
1.धन विधेयक को केवल लोकसभा में भी पारित किया जा सकता है.
2.धन विधेयक को राज्यसभा ख़ारिज या संशोधन नहीँ कर सकती,साथ ही बिल को 14 दिनों में लोकसभा में वापस करना होता है.
3.इसका अंतिम निर्णय कि कोई भी विधेयक धन विधेयक है या नहीँ, लोकसभा अध्यक्ष करते हैं.
4.राज्यसभा अविश्वास प्रस्ताव के जरिये मंत्रिपरिषद को नहीं हटा सकती क्योंकि वे केवल लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होते हैं,लेकिन राज्यसभा सरकार की नीतियों और गतिविधियों पर विचार विमर्श और आलोचना कर सकती है।
Explanation:
⚫लोकसभा अधिक शक्तिशाली है क्योंकि:
1. लोकसभा के सदस्य सीधे निर्वाचित होते हैं जबकि राज्यसभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।
2.लोकसभा कार्यपालिका को नियंत्रित करती है जबकि राज्यसभा का कार्यपालिका पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं है।
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