लोकतंत्र का अभिजनवादी (विशिष्ट वर्गीय) सिद्धांत क्या है?
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लोकतंत्र के अभिजनवादी (विशिष्ट वर्गीय) सिद्धांत के अनुसार समाज में दो तरह के लोग होते हैं...
गिने-चुने विशिष्ट लोग — गिने-चुने विशिष्ट लोगों में शिक्षित, बुद्धिजीवी, विद्वान, विचारक और प्रबुद्ध वर्ग के लोग आते हैं। इन लोगों की सामाजिक प्रतिष्ठा और बुद्धि का स्तर सामान्य जन की अपेक्षा ऊंचा होता है। इसके लिए इन्हें विशिष्ट लोग कहा जाता है।
विशाल जनसमूह — यह आम लोगों का समूह है। यह बहुसंख्यक समूह है। जिसमें कुल जनसंख्या का 90% से 95% तक होता है। इसमें आम वर्ग, मध्यमवर्ग, श्रमिक वर्ग हर वर्ग के लोग आते हैं।
लोकतंत्र का अभिजनवादी (विशिष्ट वर्गीय) सिद्धांत मान्यता है कि गिने-चुने विशिष्ट समूह के लोग ही बहुसंख्यक विशाल समूह पर शासन करते हैं।
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