लिखिए. अ)गजलकार के अनुसार दोस्ती का अर्थ
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अक्सर लोगों को यह शिकायत रहती है कि दुनिया में कोई किसी का नहीं होता। वह गजल या गीत दिल को छू लेने वाला लगता है, जिसमें रिश्तों में आई दरार का जिक्र होता है। यही नहीं, फिल्मी गाना दोस्त दोस्त न रहा सबसे प्रिय लगता है। पर क्या हर कोई अच्छी दोस्ती या रिश्ता चाहता है? माना जाता है कि रिश्ता जन्म से मिलता है और दोस्ती किस्मत से। लेकिन रिश्ते में सिर्फ अपेक्षाएं होती हैं, जबकि दोस्ती में बराबरी की कोशिश दिखती है। अच्छा दोस्त या रिश्ता चाहते तो सभी हैं, मगर इस चाहने में दूसरे से उम्मीद होती है। कहते हैं कि दोस्ती की कसौटी है, वक्त पर काम आना।
इंसान हमेशा दूसरों के इम्तिहान लेता है। अपनी ईमानदारी की असलियत को टटोलने पर पता चलेगा कि हम कितने अच्छे और सच्चे साबित हो सकते हैं? अब्राहम लिंकन का मानना है कि अगर दोस्ती किसी की सबसे बड़ी कमजोरी है, तो वह सबसे ताकतवर इंसान है। दो अलग व्यक्तियों के जीवन जब जुड़ते हैं, तो न इस जुड़ाव की व्याख्या की जा सकती है और न ही इसका रहस्य जाना जा सकता है। यह मानकर चलना चाहिए कि अच्छी दोस्ती के पीछे किसी अलौकिक ताकत का हाथ होता है, तभी तो दो अजनबी घनिष्ठ हो जाते हैं। इसके पीछे बराबर का त्याग और प्रेम की गहराई जरूरी होती है।
दार्शनिक सेनेका इसे कुछ इस तरह बताते हैं, एक प्यार भरी, वफादार दोस्ती से बढ़कर कुछ भी मन को खुशी नहीं दे सकता। इस रिश्ते में मन की बात बांटने में डर नहीं लगता। हम सबको उस दोस्ती की जरूरत होती है, जो हमारे दुख को दूर कर देती है, जिसकी सलाह मददगार होती है, जिसे देखते ही हम खिल उठते हैं।